कांग्रेस से जुड़े छात्र संगठन एनएसयूआई ने यूजीसी की ओर से जारी नए दिशा-निर्देशों का विरोध किया है जिसमें सितंबर के आखिरी तक विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में परीक्षाएं कराने की बात कही गई है। NSUI का कहना है कि परीक्षाएं कराना केंद्र सरकार का एक ‘संकीर्ण नजरिया’ है और इस फैसले से छात्रों के स्वास्थ्य पर भी बड़ा खतरा है। NSUI से जुड़ीं रुचि गुप्ता का कहना है कि अगर IIT बॉम्बे फाइनल इयर की Exam कैंसिल कर सकता है तो बाकी विश्वविद्यालय ऐसा क्यों नहीं कर सकते हैं। शिक्षा किसी भी परीक्षा से ज्यादा अहम होती है। केंद्र का यह फैसला संकीर्ण नजरिए का है और इससे छात्रों की सेहत खतरे में पड़ जाएगी। आपको बता दें कि IIT बॉम्बे ने फाइनल इयर के Exam रद्द कर दिए हैं और इसके विकल्प के तौर पर पिछले साल के छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा।
गौरतलब है कि विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं सितंबर के अंत तक आयोजित होंगी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने सोमवार को इस बारे में घोषणा की। कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर जुलाई के लिए निर्धारित कार्यक्रम को टाल दिया गया है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से जारी संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार, सिंतबर में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं दे पाने में असमर्थ छात्रों को एक और मौका मिलेगा और विश्वविद्यालय ‘जब उचित होगा तब’ विशेष परीक्षाएं आयोजित करेंगे।
मंत्रालय का यह निर्णय केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से हरी झंडी दिए जाने के बाद आया है जिसमें उसने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तय मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के तहत परीक्षाएं आयोजित करने की मंजूरी दी थी। इस घोषणा के बाद Covid-19 हालात के मद्देनजर अंतिम वर्ष की परीक्षाएं रद्द होने की अटकलों पर विराम लग गया है। इससे पहले यह परीक्षाएं जुलाई में आयोजित होना तय की गई थीं।
UGC के दिशा-निर्देशों के अनुसार, ‘विश्वविद्यालय अथवा संस्थान द्वारा अंतिम वर्ष की परीक्षाएं ऑनलाइन, ऑफलाइन या दोनों माध्यमों से सितंबर अंत तक आयोजित की जाएंगी।’