कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की ओर से मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक विकास दर को कम किए जाने के अनुमान को लेकर मंगलवार को सरकार हमला बोलते हुए कहा कि अब हमें आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ पर मंत्रियों के हमले के लिए तैयार रहना चाहिए।
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ट्वीट किया, ”आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ नोटबंदी की सबसे पहले निंदा करने वालों में से एक थी। मुझे लगता है कि हमें आईएमएफ और डॉ गीता गोपीनाथ पर सरकार के मंत्रियों के हमले के लिए खुद को तैयार कर लेना चाहिए। इतना ही नहीं उन्होंने ट्वीट पर लिखा, ”अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का रियलिटी चेक। 2019-20 में वृद्धि दर पांच फीसदी से कम 4.8 फीसदी होगी। कुछ कदमों के बाद भी विकास दर 4. 8 फीसदी है। चिंदबरम ने कहा अगर यह और भी कम हो जाए तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा। ”
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा, ”आईएमएफ ने भारत की जीडीपी विकास दर के अनुमान को घटाकर 4. 8 फीसदी कर दिया है। उनका ये भी कहना है कि इसका असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ा है। पूरे देश में लोगों का विरोध प्रदर्शन से यह दिखता है कि पीएम मोदी और अमित शाह भारतीय लोकतंत्र पर बोझ हैं। ” दरअसल, आईएमएफ ने सोमवार को भारत समेत वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए वृद्धि परिदृश्य के अपने अनुमान को संशोधित किया है। इतना ही नहीं इसके साथ ही उसने व्यापार व्यवस्था में सुधार के बुनियादी मुद्दों को भी उठाया है।
आईएमएफ के ताजा अनुमान के अनुसार 019 में वैश्विक वृद्धि दर 2. 9 %, 2020 में 3.3% और 2021 में 3. 4 % रहेगी। वहीं मुद्राकोष ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को कम करके 2019 के लिए 4. 8 प्रतिशत कर दिया है। जहां 2020 और 2021 में इसके क्रमश: 5. 8 % और 6. 5% रहने का अनुमान जताया जा रहा है।