जेएलएफ (JAIPUR LITERATURE FESTIVAL) में रविवार को नोबेल प्राइज विजेता और अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी पहुंचे। देश की अर्थव्यवस्था से जुड़े एक सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं लगता कि हम जल्द इस समस्या से बाहर निकल पाएंगे। इसमें लंबा वक्त लगेगा। हमारे पास अभी इतने रुपए नहीं हैं, जिससे अर्थव्यवस्था सुधार सकें। हम बैंकिंग सेक्टर में पैसा लगा सकें। अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए धीरे-धीरे कई चीजों पर काम करने की जरूरत है।
कांग्रेस से जुडे़ एक सवाल पर अभिजीत बनर्जी ने कहा कि मुझे लगता है कि भारत को एक अच्छी विपक्षी पार्टी की जरूरत है। विपक्ष किसी भी लोकतंत्र का दिल होता है। सत्ताधारी पार्टी को भी अच्छे विपक्ष की जरूरत होती है। अभिजीत बनर्जी ने कहा कि आरबीआई गर्वनर बनने के लिए जरूरी है कि आप माइक्रो इकोनॉमिस्ट हों। मैं माइक्रो इकोनॉमिक्स से दूर रहा हूं। ऐसा कभी नहीं होता कि बिना माइक्रो इकोनॉमिस्ट को न जानने वाले व्यक्ति को गर्वनर बनाया जाए। उत्तर प्रदेश में अपने एक कैंपेन का जिक्र करते हुए अभिजीत बनर्जी ने कहा- उस कैंपेन में हमनें वहां लोगों से धर्म-जाति के आधार पर वोट न डालने की अपील की थी। कैंपेन में हमारा प्रयास यह था कि लोग विकास और दूसरे मुद्दों को ध्यान में रखकर वोट डालें।