15 जून को गलवान कांड के बाद अब चीनी कंपनियों और उत्पादों के लिए भारत तेजी से अपने दरवाजे बंद कर रहा है। टिकटॉक सहित 59 चीन ऐप्स बैन करने के बाद भारत सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। बुधवार को केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने देश भर के हाइवे प्रोजेक्ट्स में चीनी कंपनियों को बैन करने का ऐलान किया। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि भारत अपनी राजमार्ग परियोजनाओं में चीनी कंपनियों को भाग लेने की अनुमति नहीं देगा।
गडकरी ने कहा, यदि चीनी कंपनियां किसी भारतीय या अन्य कंपनियों के साथ ज्वाइंट वेंचर बनकर बोली लगाती हैं, तब भी चीनी कंपनियों को देश के हाइवे प्रोजेक्ट्स में अनुमति नहीं दी जाएगी। केन्द्रीय मंत्री ने कहा, भारत सरकार यह भी सुनिश्चित करने जा रही है कि चीन के निवेशकों को भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों सहित अन्य क्षेत्रों में भी निवेश न कर सकें। परिवहन मंत्री के इस ऐलान के पहले बुधवार को ही बीएसएनएल और एमटीएनएल ने चीनी कंपनियों को दूर करने के लिए अपने 4जी टेंडर रद्द कर दिए हैं।
इसके पूर्व केन्द्र सरकार ने भारत में 59 चीनी ऐप बैन किए थे। रेलवे मंत्रालय भी चीनी कंपनियों के साथ अपने ठेके रद्द कर चुका है। बता दें कि सीमा पर टकराव की स्थिति उत्पन्न कर रहे चीन को सबक सिखाने के लिए केन्द्र सरकार ने आर्थिक मोर्चें पर हमला शुरू कर दिया है। 15 जून के बाद चीनी कंपनियों और उत्पादों के खिलाफ कई कदम उठाए जा चुके हैं। वहीं सीमा पर किसी भी गलत हरकत का जवाब देने के लिए भारतीय सेना को पूरी छूट दी गयी है