दस साल की एक नन्हीं बच्ची, और दर्द इतना गहरा जिसे बर्दाश करना बड़े बड़े के लिए मुश्किल, मगर नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में सफतला पूर्वक इस ऑपरेशन को पूरा किया गया। चुनौतियों से घिरे इस ऑपरेशन को करने से पहले डॉक्टरों ने दो सप्ताह का इंतजार किया ताकि सूई बच्ची की पीठ में मौजूद उत्तकों में जम जाए। करीब 2 इंच की ये सूई बच्ची की रीढ़ की हड्डी के काफी नजदीक थी, थोड़ी सी भी चूक यहां जानलेवा साबित हो सकती थी।
डॉक्टर्स ने बच्ची को पूरी तरह से अंडर ऑब्जरवेशन रखा, हालांकि बार-बार सूई की स्थिति जानने के लिए एक्सरे भी करना पड़ता, लेकिन रेडिएशन से दूर रखते हुए बच्ची का सावधानी से अल्ट्रासाउंड किया गया, और आखिर में बच्ची की पीठ से सूई निकालने में डॉक्टरों को कामयाबी मिली।