नेपाल ने 3 नदियों के बांधों की मरम्मत रोकी, बिहार सरकार ने केंद्र से मदद मांगी

नेपाल ने अपनी ज़मीं पर गंडक, लाल बकेया और कमला नदी के तटबंधों की मरम्मत और सुरक्षा कार्य करने से बिहार के जल संसाधन विभाग की टीम को रोक दिया है। सीमा पर नेपाल ने बैरियर लगाकर भारतीय इंजीनियरों को अपनी सीमा में प्रवेश से भी रोक दिया है। इससे बिहार में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है।

बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने भारत सरकार के विदेश और जल शक्ति मंत्रालयों को पत्र भेजकर इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। नेपाल ने अप्रैल में कोसी नदी के तटबंधों पर काम करने से रोका था। उस समय भी जल संसाधन मंत्री ने केन्द्र को पत्र लिखा। उस समय केन्द्र के हस्तक्षेप से काम की अनुमति मिल गई थी।

राज्य सरकार ने नेपाल से आने वाली नदियों से जुड़ी 22 योजनाओं पर काम कोराना संकट के बावजूद पूरा कर लिया है। लेकिन, अब नई समस्या नेपाल ने खड़ी कर दी है। इसको लेकर भी विभाग के सचिव संजीव हंस ने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा है। सोमवार को विभाग के मंत्री श्री झा ने विदेश और जल शक्ति मंत्री को भी पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।

मूल समस्या गंडक बराज को लेकर है। इस बराज के 36 गेटों में 18 नेपाल के भू भाग में पड़ते हैं। नेपाल ने उन गेटों के रखरखाव पर भी रोक लगा दी है। साथ ही, बिहार सरकार को उस क्षेत्र में बाढ़ के समय आपातस्थिति से निपटने के लिए सामान ले जाने से रोक दिया है। हालांकि, इस नदी से जुड़ी बाढ़ की 2 योजनाओं पर काम करने की अनुमति नेपाल ने पहले दी थी। इन दोनों योजनाओं पर काम नहीं होने से नेपाल के गांव ही प्रभावित होते हैं। लेकिन, बाद में नेपाल ने इस पर भी रोक लगा दी। इसमें एक योजना पर 75% और दूसरी पर 25% काम हो चुके हैं।

उधर, लालबकेया नदी की योजनाओं को लेकर भी नेपाल ने परेशानी खड़ी कर दी है। इस नदी का 3.5 किमी बांध नेपाल से सटा हुआ है। 3 किमी का काम तो हो गया, लेकिन 500 मीटर में बांध को दुरुस्त करने का काम नहीं हो पा रहा है। यह हिस्सा नोमेन्स लैंड में है। लिहाजा नेपाल ने नोमेंस लैंड वाले हिस्से में काम करने से रोक दिया है। इसका असर पश्चिम चम्पारण के क्षेत्र पर पड़ेगा।

कमला नदी के भी 2 पुल नेपाल में हैं। वहां पानी का दबाव बढ़ने के कारण इंजीनियरों ने बांध की ऊंचाई बढ़ाने का निर्णय लिया है। लेकिन, नेपाल ने बांध को ऊंचा करने से भी रोक दिया है। यह इलाका जयनगर और मधुबनी क्षेत्र को प्रभावित करता है। बांध ऊंचा नहीं करने की स्थिति में अधिक पानी आने पर मधुबनी और दरभंगा जिले में तबाही मच सकती है।

राज्य सरकार ने केन्द्र को पत्र लिखकर सारी स्थिति से अवगत करा दिया है। राज्य सरकार के अनुसार अगर ये काम नहीं हुए तो दरभंगा, मधुबनी, चम्पारण के साथ उत्तर बिहार के जिलों में बाढ़ की विभीषिका बढ़ सकती है।

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