सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या भूमि विवाद मामले की सुनवाई के 30वें दिन मुस्लिम पक्षकार ने माना है कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में ही हुआ था और राम चबूतरा ही वो जगह है जहां उनका जन्म हुआ था।
मुस्लिम पक्ष की ओर से यह भी कहा गया कि बाबरी मस्जिद का निर्माण मंदिर को तोड़कर नहीं किया गया था, बल्कि खाली स्थान पर किया गया था। सुन्नी वक्फ़ बोर्ड के वरिष्ठ वकील जफरयाब जिलानी ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के सामने ये बात स्वीकार की। उन्होंने कहा कि वह यह मानते हैं कि राम चबूतरा, भगवान राम का जन्मस्थान है क्योंकि इसे लेकर तीन अदालती आदेश भी है और अदालती आदेश है तो हम इससे अलग कैसे हो सकते हैं।
दरअसल, जस्टिस एसए बोबडे ने जिलानी से सवाल किया कि क्या आप मानते हैं कि राम चबूतरा, भगवान राम का जन्मस्थान है? इसपर जिलानी ने कहा, इसे लेकर विवाद नहीं। यह सभी यहीं मानते हैं। स्कंद पुराण के मुताबिक जन्मस्थान, अमुक स्थान से अमुक दूरी पर है, लेकिन अब वह स्थान अस्तित्व में नहीं है। वर्ष 1886 में जिला जज ने राम चबूतरे को जन्मस्थान मानते हुए पहां पूजा करने की इजाजत दी थी। लेकिन बाद में हिन्दू, जन्मस्थान मंदिर बताते हुए भीतरी अहाते और गुंबद वाली इमारत पर दावा करने लगे। विवाद मस्जिद के भीतर अहाते को लेकर है।