काफी समय से रुला रहा प्याज को लेकर अच्छी खबर है। बता दें कि मोदी सरकार तुर्की और मिस्र से आयात किए हुए 34000 टन प्याज को 25 रुपये किलो बेचने वाली है। यह वह प्याज है जो राज्य सरकारें खरीद नहीं रही हैं। हिन्दुस्तान टाइम्स के मुताबिक प्याज के लिए कोई खरीदार नहीं होने के कारण, सरकार आयातित प्याज 25 रुपये प्रति किलोग्राम पर बेचने पर विचार कर रही है, जो भाड़ा सहित आधी लागत से भी कम है। हालांकि पहले इसे 55 रुपये किलो बेचने की सरकार की योजना थी।
सरकार को यह कदम इस लिए उठाने पड़ रहे हैं कि प्याज खराब न हो। प्याज एक खराब होने वाली सब्जी है। विशेष रूप से आयातित प्याज को नियंत्रित वातावरण के बाहर रखने पर वह जल्दी खराब हो जाता है। इसलिए, सरकार कई विकल्पों की खोज कर रही है, जिसमें घरेलू बाजार में छूट पर बेचना और पड़ोसी देशों जैसे बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल और मालदीव को निर्यात करना भी इन विकल्पों में शामिल है।
इस आयातित प्याज के स्वाद में कमी को देखते हुए कुछ राज्य भारी छूट चाहते हैं वहीं बांग्लादेश इन प्याज को खरीदने के लिए छूट चाहता है। जहां तक तुर्की की प्याज की बात करें तो वह नासिक के प्याज की तुलना में चार गुना बड़ा है और इसमें तीखापन भी कम है। एक सूत्र ने कहा, “आयातित प्याज का स्टॉक जमा हो रहा है। हमारे पास पहले से ही 16 जनवरी तक 22,000 टन का स्टॉक मौजूद है। 25 जनवरी तक 8,000-9,000 टन प्याज इसमें और जुड़ जाएगा। वहीं इस महीने के अंत तक 5,000-6,000 टन प्याज के उत्पादन की उम्मीद है।”सरकार अब तक केवल 2,000 टन आयातित प्याज को ही बेच पाई है।