मोबाइल कंपनियों ने सोमवार को यह घोषणा की। वित्तीय संकट के मद्देनजर वोडाफोन-आइडिया और एयरटेल ने एक दिसंबर से मोबाइल सेवा की दरें बढ़ाने का फैसला किया है। दोनों कंपनियों ने फिलहाल शुल्क में प्रस्तावित वृद्धि से जुड़ी जानकारी नहीं दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले महीनों में जियो उपभोक्ताओं को भी अधिक खर्च करना होगा।
इसकी वजह कॉल जोड़ने के शुल्क (आईयूसी) शुल्क खत्म होने नहीं होना होगा। दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की ओर से इस विवादित मुद्दे पर अपनी राय इस माह के अंत तक दिए जाने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि वोडा-आइडिया और एयरटेल के विरोध के चलते यह शुल्क जारी रहेगा। वहीं, रिलायंस जियो ने कहा था कि अगर आईयूसी को समाप्त करने की तारीख को एक जनवरी से आगे बढ़ाया जाता है तो इससे निशुल्क वॉयस कॉल का दौर समाप्त हो जाएगा और शुल्क दरों में बढ़ोतरी हो सकती है।
वोडाफोन-आइडिया को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 50,922 करोड़ रुपये का एकीकृत घाटा हुआ है। किसी भारतीय कंपनी का एक तिमाही में यह अब तक का सबसे बड़ा नुकसान है। एयरटेल को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 23,045 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया है। अगर आप वोडाफोन-आइडिया या एयरटेल के उपभोक्ता हैं तो एक दिसंबर-2019 से मोबाइल पर बात करने के लिए ज्यादा खर्च करना होगा।