मध्य प्रदेश में बाढ़ पीड़ितों और राहत राशि को लेकर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। मुख्यमंत्री कमलनाथ के बाद अब उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर निशाना साधा है। आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री पटवारी ने शिवराज सिंह चौहान पर तीखा हमला करते हुए कहा कि,”वो बाढ़ और अतिवर्षा से प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने के बजाए नौटंकी कर रहे हैं। उनके ऐसा करने से प्रदेश की छवि पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है। अगर उन्होंने अपनी नौटंकी जारी रखी तो हम उनके घर के बाहर धरना देंगे। इस मुद्दे पर मंत्री पटवारी ने पूर्व सीएम शिवराज सिंह को चिट्ठी लिखने की भी बात कही। साथ ही ये दोहराया कि अगर वो किसान हितैषी हैं तो प्रदेश की लंबित राहत राशि को केंद्र सरकार से दिलाने के लिए पत्र लिखें और जरूरत पड़ने पर दिल्ली में जाकर धऱना दें। हम भी उनके साथ चलेंगे।”
उच्च शिक्षा मंत्री ने उनके बाढ़ पीड़ितों के बीच जाकर जन अदालत लगाने के मामले पर भी चुटकी लेते हुए कहा कि, “शिवराज सिंह चौहान को छपास का रोग है, वो सिर्फ सुर्खियों में बने रहने के लिए बाढ़ पीड़ितों के बीच जाकर धरना दे रहे हैं। इतना ही नहीं उच्च शिक्षा मंत्री पटवारी ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर अपना बकाया बिजली का बिल नहीं जमा करने का गंभीर आरोप लगाया। इस संबंध में उन्होंने कुछ दस्तावेज भी पेश किए।”
15 साल तक पूर्व सीएम शिवराज ने बिजली बिल नहीं भरा : पटवारी
पटवारी ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर 15 साल तक बिजली बिल नहीं भरने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि, “विदिशा में सांसद रहते शिवराज सिंह ने घर किराया से लिया था। लेकिन 15 साल तक बिजली का बिल नहीं भरा। बिना बिजली बिल भरे दो विधानसभा चुनाव लड़े। आपका पर्चा निरस्त होना चाहिए था। इससे पता चलता है कि आप कितना संविधान को मानते हैं। जब हमारे विधायक ने सवाल उठाया तो आनन-फानन में बकाया बिजली बिल भरा।”
बता दें कि शिवराज सिंह लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर वहां सरकार के खिलाफ धरना दे रहे हैं। सोमवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ भी मंदसौर और नीमच दौरे पर गए थे और शिवराज सिंह के धरने पर सवाल उठाते हुए कहा था कि, शिवराज सिंह नौटंकी करना बंद करो और दिल्ली जाकर मप्र के पीड़ितों के लिए राहत राशि लेकर आओ। सीएम ने मंदसौर में भी शिवराज के धरना-प्रदर्शन पर कहा कि मैं गाने-बजाने नहीं आया हूं। मैं यहां राहत देने आया हूं। इसके बाद से ही इस मुद्दे पर जमकर बयानबाजी हो रही है।