डेडलाइन खत्म होने से पहले ‘दिल्ली’ पहुंचे मांझी! अब क्या करेगी कुशवाहा, सहनी और मांझी की तिकड़ी ?

हम (HAM) पार्टी सुप्रीमो जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) का अल्टीमेटम 25 जून को खत्म हो रहा है। मांझी ने महागठबंधन में कोऑर्डिनेशन कमिटी बनाने को लेकर अल्टीमेटम दिया है। गुरुवार को खत्म हो रहे अपने अल्टीमेटम (Ultimatum) के अलगे दिन यानी शुक्रवार 26 जून को उनकी तरफ से पार्टी की बैठक पटना में बुलाई गई है, लेकिन, उससे ठीक पहले बिहार के पूर्व CM को कांग्रेस आलाकमान (Congress High Command) की तरफ से बुलावा आया है। मांझी को साथ रखने की कवायद में महागठबंधन की तरफ से कवायद तेज हो गई है। लिहाजा, कांग्रेस आलाकमान के हरकत में आने के बाद मांझी आज दोपहर बाद दिल्ली पहुंच रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि आज कांग्रेस वर्किंग कमिटी (CWC) की बैठक के बाद उनकी मुलाकात कांग्रेस आलाकमान के साथ हो सकती है।

सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस की तरफ से इस बात की कोशिश की जा रही है कि महागठबंधन के घटक दल HAM, RLSP और VIP को साथ रखकर ही RJD के साथ आगे बढ़ा जाए। इसके लिए मांझी को दिल्ली बुलाया गया है, जबकि राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा पहले से ही दिल्ली में मौजूद हैं। उधर, वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी भी दिल्ली आ सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस आलाकमान के साथ मीटिंग का समय तय होते ही मुकेश सहनी भी दिल्ली की तरफ रवाना हो जाएंगे।

दरअसल, जीतनराम मांझी को इस बात का डर सता रहा है कि महागठबंधन में अंतिम वक्त में सीटों का बंटवारा होने की सूरत में चुनाव की तैयारियों के लिए ज्यादा वक्त नहीं बचेगा, जिससे छोटी पार्टियों को परेशानी होगी। लोकसभा चुनाव के समय सीटों के बंटवारे में हुई देरी को भी हार का जिम्मेदार मानते हुए उनकी तरफ से जल्द से जल्द इस पर फैसला लेने की मांग की जा रही है। दूसरी तरफ, तेजस्वी यादव के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव में उतरने की RJD की एकतरफा घोषणा को लेकर भी सहयोगी नाराज हैं। यही वजह है कि जीतनराम मांझी कोऑर्डिनेश कमिटी की बैठक बुलाकर इन सभी मुद्दों पर जल्द फैसला करने की मांग कर रहे हैं।

मांझी की तरफ से इन सभी मुद्दों पर मांग पिछले साल से ही हो रही है। लेकिन, हर बार उनकी तरफ से डेडलाइन दी जाती है जिस पर RJD की तरफ से अनसुना कर दिया जाता है। अबकी बार मांझी ने 25 जून तक जो डेडलाइन दिया है, उसे FINAL अल्टीमेटम के तौर पर देखा जा रहा है। यही वजह है कि अब कांग्रेस की तरफ से मांझी, कुशवाहा और सहनी को साथ लेकर आगे की रणनीति बनाने की कवायद की जा रही है। दिल्ली पहुंचने पर इन नेताओं की मुलाकात कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल से होगी, जिसके बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और मौजूदा अध्यक्षा सोनिया गांधी के साथ भी इनकी मुलाकात संभव है।

अगर बात नहीं बनी और मांझी को मनाने की कोशिश नाकाम रही तो मांझी महागठबंधन को छोड़ कर अगले कदम का ऐलान भी कर सकते हैं। दूसरी तरफ, उपेंद्र कुशवाहा के लिए महागठबंधन में बने रहना मजबूरी है, क्योंकि नीतीश कुमार से उनका सीधा विरोध है। JDU की NDA में दोबारा एंट्री के बाद ही उपेंद्र कुशवाहा ने अपना अलग रास्ता चुन लिया था और विरोधी खेमे में चले गए थे। ऐसे में कुशवाहा की कोशिश कांग्रेस के साथ मिलकर महागठबंधन में एक सम्मानजनक समझौता की है। वहीं, वीआईपी के मुकेश सहनी भी फिलहाल बगावती मूड में नहीं दिख रहे हैं। सहनी ने RJD के साथ रहने और उसके समर्थन में बने रहने की बात साफ कर दी है। अब सबकी नजरें दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान के साथ इन तीनों नेताओं की होनेवाली बैठक पर टिकी हैं।

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