ममता बंगाल में लागू नहीं होने देंगी NRC, विधानसभा में इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित

तृणमूल सुप्रीमो व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल में एनआरसी लागू करने की अनुमति नहीं देगी। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बताया कि एनआरसी का कार्यान्वयन कुछ नहीं बल्कि केंद्र सरकार में आसीन बीजेपी का राजनीतिक प्रतिशोध है। विधानसभा में नियम 185 के तहत एनआरसी पर एक प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए ममता ने कहा, ‘हमलोग भाजपा को एनआरसी बंगाल में लागू नहीं करने देंगे।’

मुख्यमंत्री ममता ने कहा कि पूरे देश में जिस तरह लोकतांत्रिक व्यवस्था को तहस-नहस किया जा रहा है उसमें सभी विपक्षी दलों को एकजुट होकर आंदोलन करना होगा। भाजपा के विरुद्ध राष्ट्रव्यापी आंदोलन को ही एकमात्र विकल्प बताया। मुख्यमंत्री ने एनआरसी के विरुद्ध विधानसभा में कांग्रेस और वाममोर्चा के समर्थन से सरकार द्वारा लाए गए संयुक्त प्रस्ताव पर बहस के जवाबी भाषण में यह बातें कही। बहस के बाद प्रस्ताव पारित हो गया।

ममता ने असम में 31 अगस्त को जारी एनआरसी की अंतिम सूची से वहां के लोगों को हो रही परेशानी पर दुख जताया। वहीं शुक्रवार को बंगाल सरकार की ओर से विधानसभा में एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया जिसका विपक्ष कांग्रेस व वाममोर्चा ने समर्थन किया जबकि भाजपा ने इसका पुरजोर विरोध किया। इस प्रस्ताव में एनआरसी को अमानवीय और तानाशाही भरा कदम करार दिया गया है। तृणमूल शनिवार व रविवार को जिलों में एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे। वहीं 12 को खुद ममता सड़क पर उतर कर विरोध जताएंगी।

ममता ने दावा किया कि एनडीए की संबद्ध जदयू के वरिष्ठ नेता व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा है कि वे एनआरसी को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि मैंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी इस मुद्दे पर बात की है। नीतीश कुमार ने भी कहा है कि वो एनआरसी को स्वीकार नहीं करेंगे।
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मुख्यमंत्री ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के तरीके पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि नेताओं को कैद कर जिस तरह 370 हटाया गया यह तरीका ठीक नहीं है। ममता ने पीएम नरेंद्र मोदी को चुनौती देते हुए कहा कि वह अमेरिका, रूस और इजराइल को मैनेज कर सकते हैं, लेकिन बंगाल को मैनेज नहीं किया जा सकता है।

इस दिन एक बार फिर ममता ने अपने चिरपरिचीत अंदाज में भाजपा नित केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला और कहा कि लोकतंत्र के सभी स्तंभ मीडिया और न्यायपालिका सभी केंद्रीय सलाहकारों द्वारा चलाए जा रहे हैं। मूल भारतीयों के नामों को एनआरसी सूची से बाहर रखा गया है। उन्होंने आगे कहा कि मैं मनमोहन सिंह के शब्दों को दोहराऊंगी कि राजनीतिक प्रतिशोध से ज्यादा अर्थव्यवस्था पर अधिक ध्यान केंद्रित करें।

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