बिहार में भाजपा के सहयोग से सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) झारखंड के बाद अब महाराष्ट्र में भी चुनाव के दौरान अपने चुनाव चिह्न ‘तीर’ का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। चुनाव आयोग ने बताया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) व शिव सेना के चुनाव चिह्न ‘तीर-धनुष’ से समानता के कारण ऐसा निर्णय लिया गया है।
झामुमो की आपत्ति के बाद आयोग को अपनी सहमति वापस लेनी पड़ी। झामुमो ने आयोग के समक्ष आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा है कि दोनों पार्टियों के चुनाव चिह्नों में समानता होने के कारण मतदाताओं को भ्रम हो सकता है।
16 अगस्त को जारी आदेश में चुनाव आयोग ने कहा, ‘इस मामले में सभी पहलुओं पर विचार के बाद आयोग चुनाव चिह्न के पैराग्राफ 10 के अंतर्गत जदयू को आवंटित चिह्न तीर पर झारखंड व महाराष्ट्र में चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं दे रहा है।’
इसी साल मार्च में जदयू की आपत्ति के बाद चुनाव आयोग ने आदेश किया था कि झामुमो और शिव सेना बिहार में अपने चिह्न पर चुनाव नहीं लड़ सकते। आयोग ने कहा कि आठ मार्च 2019 को दिया गया आदेश झामुमो के मामले में समान रूप से प्रभावी होता है। यही सिद्धांत महाराष्ट्र में भी लागू होगा, क्योंकि शिव सेना का निशान भी तीर-धनुष है। महाराष्ट्र व झारखंड में जदयू को ‘फ्री सिंबल’ प्रदान किया जाएगा। ऐसे चुनाव चिह्न गैरमान्यता प्राप्त पंजीकृत पार्टियों और निर्दलीय प्रत्याशियों को दिए जाते हैं।