आगामी विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद से झारखंड में राजनीतिक गतिविधि तेज हो गयी है। एक तरफ एनडीए में भाजपा और आजसू चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दल महागठबंधन को अंतिम स्वरूप देने में जुटे हैं।
महागठबंधन में झामुमो, कांग्रेस व राजद साथ मिलने को लेकर तैयार है। अगर महागठबंधन में झामुमो, कांग्रेस व राजद एक साथ मिल कर चुनाव लड़ते हैं और पिछले चुनाव में मिले वोट को इंटैक्ट रख पायेंगे, तो राज्य की 13 विधानसभा सीटों पर राजनीतिक समीकरण बदल सकता है।
मंत्री लुइस मरांडी की दुमका सीट व स्पीकर दिनेश उरांव का सिसई सीट रोमांचक मुकाबला हो सकता है। पिछले चुनाव में पड़े मतों के आधार पर आकलन करने से पता चलता है कि 13 सीटों पर एनडीए प्रत्याशी को जितने मत मिले थे, अगर यूपीए घटक में शामिल दल को जोड़ दिया जायें, तो जीतने वाले प्रत्याशी से अधिक मत हो जाते हैं। हालांकि राजनीतिक जानकारों का कहना है कि एक साथ मिल कर चुनाव लड़ने से विपक्षी दलों को मिलने वाले वोट पर भी असर पड़ता है। वोट पार्टी के साथ-साथ उम्मीदवार के नाम पर भी पड़ते हैं।