हांगकांग में चल रहे प्रदर्शन के बीच लोकतंत्र समर्थक नेता जोशुआ वोंग को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वोंग की डेमोसिस्टो पार्टी ने इस खबर की पुष्टि की है। पार्टी ने कहा है कि एक प्रमुख सदस्य एग्नेस चाउ को भी हांगकांग पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पार्टी का कहना है कि शुक्रवार की तड़के वोंग को हांगकांग के चाई पुलिस स्टेशन ले जाया गया। पुलिस ने वोंग पर तीन आरोप लगाए हैं। हालांकि, हांगकांग पुलिस ने अभी वोंग की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है।
जोशुआ वोंग की गिरफ्तारी ऐसे समय हो रही है जब शनिवार को हांगकांग में लोकतंत्र के समर्थन में एक बड़ी रैली का अायोजन किया गया है। इस रैली के मद्देनजर वोंग की गिरफ्तारी काफी अहम है। बता दें कि वोंग ने वर्ष 2014 में हांगकांग सरकार से प्रत्यर्पण बिल कानून को रद करने का आह्वान किया था। इस आंदोलन का हांगकांग में व्यपाक असर पड़ा था। उस वक्त वोंग को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। हालांकि बाद में उनको छोड़ दिया गया था। लेकिन एक बार फिर से हांगकांग सरकार ने वाेंग को गिरफ्तार किया है। सरकार को आशंका है कि वोंग की पार्टी इस आंदोलन को अपना समर्थन कर सकती है।
हालांकि, इस रैली को सरकार की अनुमति नहीं है। प्रशासन ने सुरक्षा के आधार पर इस रैली करने को मना कर दिया है। इससे यह आशंका प्रबल हो गई है कि एक बार फिर पुलिस और प्रदर्शनकारी आमने-सामने हो सकते हैं। हांगकांग पुलिस का कहना है कि इस रैली की आड़ में कुछ प्रदर्शनकारी हिंसक और विनासकारी कार्य कर सकते हैं। बता दें कि हांगकांग सरकार के प्रत्यर्पण बिल के विरोध में जून के बाद से विरोध के सिलसिले में 850 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है।
हांगकांग में पिछले तीन महीनों से राजनीतिक अशांति का माहौल है। यहां व्यापक एवं शांतिपूर्ण प्रदर्शनकों को हिंसा का प्रयोग करके रोका गया जिसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई। सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए इस सप्ताहांत जन रैली करने की अनुमति नहीं दी गई। इसके बाद से पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच एक बार फिर झड़प होने की आशंका पैदा हो गई है क्योंकि प्रदर्शनकारी इस प्रतिबंध के विरोध में सामने आ सकते हैं।
इन प्रदर्शनों की शुरुआत उस समय हुई थी जब शहर की बीजिंग समर्थित सरकार ने चीन में प्रत्यर्पण की अनुमति देने संबंधी एक विधेयक पारित करने की कोशिश की थी, लेकिन बाद में इन प्रदर्शनों का मकसद व्यापक हो गया। हांगकांग में अब लोकतंत्र और पुलिस पर बर्बरता के आरोपों की जांच कराए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं। इन प्रदर्शनों के संबंध में जून से 850 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।