कांग्रेस के सीनियर लीडर और SUPREME COURT के वकील कपिल सिब्बल ने ANTI-CAA प्रोटेस्ट के लिए पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया(PFI) से पैसे लेने के आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने सोमवार को कहा कि आरोपों में सच्चाई नहीं है और यह उन्हें बदनाम करने की साजिश है। इतना ही नहीं, उन्होंने धमकी दी कि जिन समाचार माध्यमों ने इस बारे में उनका नाम लेते हुए स्टोरी की है, अगर उसे नहीं हटाया तो वह उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 73 बैंक खातों में 120 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम जमा की गई थी, जिनका इस्तेमाल सीएए के खिलाफ हिंसक विरोध-प्रदर्शन में हुआ था।
‘आरोप में दम नहीं, बदनाम करने की है साजिश’
सिब्बल ने कहा, ‘आरोप लगाया जा रहा है कि CAA प्रोटेस्ट के लिए PFI से पैसा लिया है। इसमें मेरा और कुछ अन्य वकीलों का नाम लिया जा रहा है। इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। यह झूठ की बदौलत लोगों की प्रतिष्ठा खत्म करने की साजिश का हिस्सा है।’ अपनी सफाई में उन्होंने यह भी कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट में हदिया केस को लड़े थे लेकिन उसके लिए उन्हें मार्च 2018 में ही पेमेंट मिल चुकी थी।