नई दिल्ली- कानपुर हमले का मास्टर माइंड विकास दुबे आज तीन दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस की पकड़ से दूर है। यही नहीं उसका आज तक कुछ भी पता नहीं चला सका है। उस रात हुई इस घटना में पुलिस टीम में शामिल बिठूर थाने के एसओ कौशलेंद्र प्रताप इस वक्त अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। इनकी जान तो बच गई लेकिन उस रात इन्होंने जो देखा वो बेहद खौफनाक था।
कौशलेंद्र सिंह बिठूर थाने के एसओ हैं लेकिन वो चौबेपुर थाना क्षेत्र में मौजूद बिकरू गांव विकास दुबे को पकड़ने गए थे। कौशलेंद्र प्रताप ने बताया कि जिस दिन घटना हुई थी, उस दिन मुझे एसओ चौबेपुर द्वारा फोन पर सूचना दी गई थी कि एक दबिश में चलना है. हम लोग थाने से रात करीब 12:30 बजे निकल गए थे।वहां रात करीब 1 बजे पहुंचे हैं।
कौशलेंद्र प्रताप, एसओ, बिठूर ने आगे बताया, “जैसे ही पहुंचे हैं तो सबसे पहले हमने अपनी गाड़ियों को वहीं करीब 150-200 मीटर पहले पार्क कर दिया था। पार्क करने के बाद हम लोग वहां पैदल गए हैं। जैसे ही हम लोग पैदल पहुंचे हैं रास्ते में पहले से ही एक जेसीबी लगाकर रखी थी।. हम लोग जैसे ही एक-एक करके घर के नजदीक पहुंचे तभी हमारे ऊपर चारों तरफ से ताबड़तोड़ फायरिंग होने लगी। अचानक हुई फायरिंग से अपने आप को बचाने के लिए हम लोग जगह-जगह आड़ लेने लगे और छिपने लगे। जैसे ही हम लोगों ने अपने आपको सुरक्षित किया और फायर किया. लेकिन टारगेट हमें नजर नहीं आ रहे थे क्योंकि हम लोग नीच थे और वो लोग ऊपर की तरफ थे. पहले ही राउंड की फायरिंग में हमारे ज्यादातर लोग घायल हो चुके थे।”
कौशलेंद्र प्रताप के बयान से साफ है कि विकास दुबे ने पुलिस से बचने नहीं पुलिस को मारने के मकसद से पूरी प्लानिंग की थी। विकास दुबे को यूपी के सभी 75 जिलों की पुलिस तलाश रही है. एक रात में ही विकास दुबे यूपी का मोस्ट वॉन्टेड अपराधी बन गया है। लेकिन सवाल ये है कि 3 दिन गुजर जाने के बाद भी विकास दुबे गिरफ्तार क्यों नहीं हो पाया है। क्या कोई विकास दुबे को बचाना चाहता है?