जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से ही लगातार केंद्र सरकार घाटी की स्थीति को सामान्य करने में लगी है और काफी हद तक अब आम-जनजीवन सामान्य हो भी गए हैं। ऐसे में अब केंद्र सरकार 25 विदेशी राजदूतों के प्रतिनिधिमंडल को घाटे का दूसरी बार दौरा कराने की तैयारी कर रही है। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को जम्मू कश्मीर की ज़मीनी हकीकत से रूबरू कराना है। सूत्रों की माने तो दो दिन का ये दौरा इसी हफ्ते हो सकता है और इसमें कई देशों के प्रमुख हिस्सा लेंगे। इस दो दिवसीय दौरे में यूरोपीय देशों के राजदूत भी शामिल होंगे। खबरों की माने तो यूरोपीय संघ के भारत स्थित राजदूत उगो अस्तुतो भी घाटी का दौरा करने वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हो सकते हैं।
आपको बता दें जम्मू कश्मीर के दौरे में यूरोपीय संघ के राजदूतों का हिस्सा होना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि भारत ने यूरोपीय संघ की संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक के साथ ही कश्मीर की स्थिति को लेकर भी कड़े प्रस्ताव लाए थे जिस पर आने वाले 31 मार्च तक यूरोपीय संघ में वोटिंग होनी है। जिसके मद्देनजर भी ये दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जिन 25 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को जम्मू और कश्मीर का दौरा करना है उसमें जर्मनी, कतर और अफगानिस्तान के राजदूत भी शामिल हैं।