जन्माष्टमी का पर्व मनाने के लिए देश भर में तैयारियां शुरू हो चुकी है। कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए इस बार विशेष सावधानी बरती जा रही है। इस बार लोग Janmashtami का पर्व घर पर ही श्रद्धाभाव से मनाने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए प्रयास भी आरंभ हो गए है। Janmashtami के पर्व पर घरों में झांकी सजाने की भी परंपरा है।
Janmashtami का पर्व किसी दिन मनाया जाना सही है। इस बारे में अलग अलग मत सामने आ रहे हैं। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। पंचांग के अनुसार इस बार अष्टमी तिथि का आरंभ 11 अगस्त को प्रात: 09 बजकर 06 मिनट से हो रहा है। अष्टमी तिथि का समापन 12 अगस्त को प्रात: 11 बजकर 16 मिनट पर हो रहा है।
रोहिणी नक्षत्र का आरंभ और समापन
रोहिणी नक्षत्र की बात करें तो रोहिणी नक्षत्र 13 अगस्त को प्रात: 03 बजकर 27 मिनट से प्रारंभ हो रहा है जो 14 अगस्त को प्रात: 05 बजकर 22 मिनट पर समाप्त हो रहा है।
11 अगस्त को जगन्नाथ पुरी में मनाई जाएगी जन्माष्टमी
जगन्नाथ पुरी, बनारस और उज्जैन में कृष्ण जन्माष्टमी 11 अगस्त को मनाई जाएगी। 11 अगस्त से अष्टमी तिथि आरंभ होगी।
12 को मनाई जाएगी मथुरा और द्वारिका में जन्माष्टमी
मथुरा और द्वारिका में Janmashtami 12 अगस्त के दिन ही मनाई जाएगी। अधिकतर स्थानों पर 12 अगस्त को ही Janmashtami का पर्व मनाया जाएगा। इस 43 मिनट का पूजा का मुहूर्त है। जो रात्रि 12 बजकर 05 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में श्रीकृष्ण जन्म की पूजा कर सकते हैं। यानि कृष्ण जन्मोत्सव का पर्व 12-13 अगस्त की रात में मनाया जाएगा।