साल 1923 जब पाकिस्तान भारत का हिस्सा हुआ करता था…पाकिस्तान के शिकारपुर में 14 सितंबर को एक बच्चे का जन्म हुआ..नाम रखा गया रामजेठमलानी….बचपन से ही दिमाग के तेज…पढ़ाई में कुछ ऐसे मेधावी थे कि उन्होंने एक साल के अंदर ही दूसरी तीसरी और चौथी क्लास की पढ़ाई पूरी कर ली थी…और बेहद दिलचस्प बात ये थी कि राम जेठमलानी ने महज 13 साल की उम्र में ही मैट्रिक पास कर लिया था…और 17 साल की उम्र में वकालत की डिग्री…
उनकी इन्हीं उपलब्धियों और बुद्दिमत्ता ने उन्हें देश का सबसे बेहतरीन और महंगा वकील बना दिया…उन्होंने अपने जीवनकाल में कई बड़े और हाई प्रोफाइल केस को कोर्ट में चुनौती थी…और उन पर जीत भी हासिल की…जेठमलानी देश के दिग्गज वकील होने के साथ साथ केंद्रीय कानून मंत्री भी रह चुके थे…
राम जेठमलानी के पिता बोलचंद गुरमुख दास जेठमलानी और दादा वकील थे…और शायद ये भी एक वजह थी कि उनका झुकाव वकालत के पेशे की ओर हो गया….आजादी के बाद जब भारत का बंटवारा हुआ तो पाकिस्तान बना…जिसके बाद वहां के हालात खराब रहने लगे और राम जेठमलानी एक दोस्त की सलाह पर मायानगरी मुंबई पहुंच गए…
जानकारी के मुताबिक जेठमलानी ने जब पहला केस लड़ा था…तब वो सुर्खियों में आ गये थे औऱ वो केस था 1959 में केएम नानावती बनाम महाराष्ट सरकार…जेठमलानी ने अपने लाजवाब दलीलों के दम पर ज्यादातर केस पर जीत हासिल करते गए….और वो 70 और 80 का दशक ही था जब कानून की दुनिया में रामजेठमलानी की तूती बोलने लगी…वो मशहूर होते चले गए….
जेठमलानी के बारे में कहा जाता है कि वो बेहद जिद्दी स्वभाव के थे…वो हर केस पर काफी मेहनत किया करते थे…. और केस के प्रति उनके सर्मपण और मेहनत ने ही उन्हें देश का ऐसा वकील बना दिया जिनकी फीस एक करोड़ रुपये तक हो गई थी…
सूत्रों के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद आरोपियों की पैरवी के लिए कोई भी वकील तैयार नहीं था…उस वक्त रामजेठमलानी ही वो वकील थे जिन्होंने इन केस को अपने हाथ में लिया था…
मुंबई के डॉन हाजी मस्तान के कई मुकदमों की राम जेठमलानी ने पैरवी की थी। इसके साथ ही उन्होंने उपहार सिनेमा अग्निकांड में आरोपी मालिकों अंसल बंधुओं की तरफ से और 2G घोटाले में डीएमके नेता कनिमोझी की तरफ से पेश हुए थे। यही नहीं, चर्चित सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में अमित शाह की तरफ से अदालत में हाजिर होने वाले जेठमलानी ही थे। चारा घोटाले से जुड़े मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का केस भी उन्होंने ही लड़ा था….
सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय के लिए जेठमलानी ने सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की तो संसद पर हमले में फांसी की सजा पा चुके अफजल गुरु का केस भी जेठमलानी ने ही लड़ा जिस पर उनकी काफी आलोचना भी हुई थी। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया था कि सरकार अफजल गुरु को वकील नहीं मुहैया करा रही है। देश के दिग्गज और सबसे महंगे वकील रामजेठमलानी अब इस दुनिया में नहीं हैं…14 सितबंर 1923 से 8 सितंबर 2019 का जो शानदार सफर था…वो अब थम चुका है….95 साल की उम्र में रामजेठमलानी ने दुनिया को अलविदा कह दिया…NVR 24 की ओर से देश के दिग्गज और शानदार व्यक्तित्व के धनी रामजेठमलानी को शत शत नमन।