इजरायल में आम चुनाव के लिए मंगलवार को वोट डाले जाएंगे। 160 दिनों के भीतर दूसरी बार मतदान होगा। पिछले चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था। नेतन्याहू की सहयोगी दलों के साथ मिलकर सरकार बनाने की उम्मीदें उस समय टूट गई थी, जब सभी के लिए सेना में नौकरी को अनिवार्य बनाने की मांग करते हुए उनके सहयोगी दल एविग्डोर लिबरमैन ने उन्हें समर्थन देने से इन्कार कर दिया था।
नेतन्याहू पर हाल के दिनों में भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगे हैं। हालांकि, वो सभी आरोपों को खारिज करते रहे हैं। यह चुनाव उनका राजनीतिक भविष्य तो तय करेगा ही, अगर प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में उनकी वापसी होती है तो उन्हें कानूनी पचड़ों से भी राहत मिल सकती है।
हाल के चुनावी सर्वेक्षणों में नेतन्याहू की लिकुड पार्टी और विपक्षी ब्ल्यू एंड व्हाइट पार्टी के बीच कड़ा मुकाबला सामने देखने को मिला है। ब्ल्यू एंड व्हाइट पार्टी पूर्व सेना प्रमुख बेनी गंट्ज की पार्टी है। अप्रैल में हुए चुनाव में 120 सदस्यी संसद में ब्ल्यू एंड व्हाइट पार्टी को 35 सीटें मिली थीं और उसने नेतन्याहू की पार्टी के साथ गठबंधन किया था।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू नौ सितंबर को एक दिन के लिए भारत आने वाले थे, लेकिन चुनावी व्यस्तता के कारण उन्होंने यह दौरा रद कर दिया। इससे पहले अप्रैल में हुए चुनाव के कारण भी नेतन्याहू को अपना भारतीय दौरा रद करना पड़ा था।
आम चुनाव से पहले के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने चुनावी विज्ञापन में पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फोटो का इस्तेमाल किया था। यह बैनर दुनिया के नेताओं के साथ देश के संबंधों को मजबूती को लेकर था।