सावधान: पपीता हो सकता है सेहत के लिए हानिकारक

पपीते को कई तरीकों से इस्तेमाल किया जा सकता है। ये गर्मी के मौसम का बहुत ही लाभदायक फल माना जाता है। इसलिए इसका इस्तेमाल गर्मी के दिनों में ज्यादा बढ़ जाता है। कभी मांस के साथ इसको मिलाया जाता है, तो कभी पकाकर इसे खाया जाता है। पकने पर इसका रंग पीला हो जाता है। पकने के बाद खाने में इसका मजा बहुत ही स्वादिष्ट लगता है। ये मुलायम फल बच्चों और बूढ़ों के बीच भी बहुत लोकप्रिय माना जाता है।

गर्भवती महिला के लिए- स्वास्थ्य के लिए लाभदायक समझा जाने वाला ये फल गर्भवती महिलाओं के लिए नुकसानदेह होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भवती महिलाओं को पपीते का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना चाहिए क्योंकि ये बच्चे की वृद्धि में बाधा उत्पन्न कर सकता है। विशेषकर हरा पपीता गर्भवती महिलाओं के लिए जहर के बराबर माना जाता है।

पाचन क्रिया में खराबी- पपीते का हद से ज्यादा इस्तेमाल पाचन क्रिया को प्रभावित करता है। दूसरी तरफ फाइबर से भरपूर पपीता कब्ज के शिकार लोगों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। लेकिन इसका बहुत ज्यादा इस्तेमाल सेहतमंदों को अपच और हैजे का मरीज बना सकता है। इसके अलावा पपीते के ज्यादा इस्तेमाल से पेट में दर्द, गैस और उल्टी की शिकायत भी हो सकती है।

शूगर की मात्रा में बहुत ज्यादा कमी- पपीता खून में मौजूद शूगर की मात्रा में कमी करता है। इसका इस्तेमाल उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो शूगर में कमी लाना चाहते हैं। इसके अलावा जिन लोगों के खून में पहले ही शूगर की मात्रा कम हो वो बिल्कुल भी पपीते को खाने की गलती ना करें।

दवा के साथ नुकसानदेह- जो लोग खून को पतला करनेवाली दवा का इस्तेमाल करते हैं उन्हें पपीता खाने से परहेज करना चाहिए क्योंकि ऐसी सूरत में इस से खराश और खून बहने का खतरा बढ़ जाता है।”

एलर्जी का खतरा- पपीते का ज्यादा इस्तेमाल कई किस्म की एलर्जी का कारण बन सकता है। जिनमें सूजन, सिर दर्द, खारिश और खुजली शामिल होते है। इसके अलावा पपीते के ऊपरी हिस्से में लेटकस नामी सूखा पदार्ख पाया जाता है जो एलर्जी में और इजाफा करता है। इसलिए जो लोग पहले से ही एलर्जी से पीड़ित हैं, उन्हें पपीता खाने से परहेज करना चाहिए। ये तमाम बीमारियां पपीते के ज्यादा इस्तेमाल से हो सकती हैं। इसलिए विशेषज्ञों की तरफ से पपीता जरूरत से ज्यादा खाने से मना किया जाता है।

सांस की बीमारी- पपीते का इस्तेमाल सांस की कई बीमारियों को जन्म दे सकता है। जिनमें दमा, सीने पर दबाव, नाक का बंद होना और खर्राहट के साथ सांस लेना शामिल है। जो लोग किसी भी किस्म की बीमारी से पीड़ित हैं उन्हें जरूर डॉक्टर की सलाह से पपीते का इस्तेमाल करना चाहिए।

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