स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने बुधवार को एक एडवाइजरी कंपनी पर छापा मारा। कंपनी का संचालक और कर्मचारी फर्जी नामों से कॉल कर लोगों से लाखों रुपए ठगी कर रहे थे। पुलिस ने 14 युवतियों सहित 48 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें संचालक, IT इंचार्ज, HR मैनेजर शामिल हैं। पुलिस ने लाखों का हिसाब, कम्प्यूटर और मोबाइल बरामद किए हैं। STF SP पद्मविलोचन शुक्ला के मुताबिक, रैपिड रिसर्च टेक्नोलॉजिस कंपनी के मेहता मेंशन मालवा मिल स्थित कार्यालय में छापा मारा गया। शिकायत मिली थी कि कंपनी के कर्चमारी फर्जी नामों से कॉल कर शेयर बाजार में निवेश के नाम पर निवेशकों से लाखों रुपए महीना खातों में जमा करवा रहे हैं। इस कंपनी के कर्मचारियों को संचालक अरुण श्याम खंडेलवाल निवासी दूध तलाई उज्जैन ने लोगों को झांसे में लेने का प्रशिक्षण दिया था।
कर्मचारियों को बताया गया था कि फर्जी नाम से कॉल करें और लोगों को लुभावने अवसर बताकर मुनाफे का लालच दें। डीमेट खातों के बारे में बताकर निजी खातों में रुपए जमा करवा लें। आरोपित संचालक कर्मचारियों को ठगी के मुताबिक कमीशन भी देता था। पुलिस ने छापा मारकर 14 युवतियों सहित 48 लोगों को पकड़ लिया। इसमें रिलेशन मैनेजर जितेंद्र सराठे, आईटी इंचार्ज मयंक शर्मा, HR मैनेजर रश्मि और टीम लीडर सोहेल खान भी शामिल हैं। पुलिस ने सभी को कोर्ट में पेश किया और 46 आरोपितों को जेल भेज कर संचालक अरुण खंडेलवाल और जितेंद्र सराठे को रिमांड पर ले लिया।