भारत में जिस तरह से कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं उसे देखते हुए हर तरह की आपातकाल स्थिती से निपटने के लिए प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में जल,थल और नौ सेना तीनों एक जुट होकर अपना योगदान दे रहे हैं। नौसेना ने अब नॉन मेडिकल नौ सैनिकों को भी ‘बैटल-फील्ड नर्सिंग असिस्टेंट ट्रेनिंग’ देनी शुरू कर दी है। जिससे इमरजेंसी के समय में डॉक्टरों की मदद हो सकें। इसके लिए पहले ग्रुप में 333 नौसौनिकों को कोच्चि स्थित दक्षिणी कमान में ट्रेनिंग दी जा रही है। इसका नेतृत्व खुद आईएनएस संजीवनी हॉस्पिटल के कमांड मेडिकल ऑफिसर कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो इस बैटल फील्ड नर्सिंग असिस्टेंट ट्रेनिंग के दौरान नौसैनिकों को पीपीई बॉडी-सूट पहनना, हाथों को सैनेटाइज करना, मरीजों को स्ट्रेचर पर ले जाना सिखाया जा रहा है।
माना जा रहा है कि आने वाले समय में स्थानीय प्रशासन और सेना के डॉक्टर, नर्स और दूसरे पैरा मेडिकल स्टाफ़ की कमी हो सकती है। इसे देखते हुए नौसेना ने नॉन मेडिकल स्टाफ को भी नर्सिंग असिस्टेंट की ट्रेनिंग दी जा रही है। बता दें सेना के तीनों अंगों यानि थल सेना, वायु सेना और नौ सेना के देशभर में करीब 08 हजार डॉक्टर हैं। लेकिन जिस तरह से भारत में कोरोना के पॉजिटिव मामले सामने आ रहे हैं, उसे देखते हुए सेना के सारे मेडिकल स्टाफ भी कम पड़ सकते हैं।
बता दे बीते शुक्रवार को दिल्ली के नरेला क्वारंटाइन सेंटर में मरीजों की संख्या बढ़ने से सिविल डॉक्टरों की कमी हो गई थी, जिसे पूरा करने के लिए सेना के चार डॉक्टर और आठ अन्य मेडिकल स्टाफ को तैनात किया गया था। नरेला के क्वारंटाइन सेंटर में निजामुद्दीन मरकज़ से निकाले गए तब्लीगी जमात के 12 हजार मरीजों को भर्ती किया गया है।