कानपुर में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस पर देर रात बदमाशों ने अंधाधुन फायरिंग कर दी। इस फायरिंग में एक डिप्टी एसपी समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए, तो वहीं इस हमले में सात पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। आपको बता दें कानपुर के चौबेपुर थाना इलाके में पुलिस ने बिकरू गांव में दबिश दी थी। दबिश के दौरान बदमाशों ने पुलिस को घेरकर फायरिंग कर दी। पुलिस का कहना है कि जिस वक्त पुलिस विकास दुबे को पकड़े के लिए अपराधी के ठिकाने के पास पहुंची, तभी एक इमारत की छत से पुलिस दल पर अंधाधुंध गोलीबारी की गई। जिसमें पुलिस उपाधीक्षक एस पी देवेंद्र मिश्रा, तीन उप निरीक्षक और चार कॉन्स्टेबल शहीद हो गए। वहीं पुलिस ने तीन अपराधियों को मार गिराया है। पुलिस का कहना है कि अपराधी विकास दुबे की लोकेशन पता लगाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस किया जा रहा है। पुलिस की टीमें लगातार जगह-जगह दबिश दे रही है। हालांकि विकास अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
आपको बता दें एनकाउंटर में जो 8 पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं उनमें सीओ देवेंद्र कुमार मिश्रा, एसओ महेश यादव, चौकी इंचार्ज अनूप कुमार, सब-इंस्पेक्टर नेबुलाल, कांस्टेबल सुल्तान सिंह, राहुल, जितेंद्र और बबलू शामिल हैं।
इस पूरे मामले में डीजीपी ने कहा कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के खिलाफ धारा 307 के तहत मामला दर्ज़ किया गया था, पुलिस उसे पकड़ने गई थी, लेकिन उन्होंने वहां जेसीबी लगा दी थी जिससे हमारे वाहन बाधित हो गए। जब फोर्स नीचे उतरी तो अपराधियों ने गोलियां चलाई, जवाबी फायरिंग हुई लेकिन अपराधी ऊंचाई पर थे, इसलिए हमारे 8 कर्मी शहीद हुए। हमारे लगभग 7आदमी घायल हो गए। ऑपरेशन अभी भी जारी है क्योंकि अपराधी अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे. IG, ADG, ADG (लॉ एंड ऑर्डर) को ऑपरेशन की निगरानी के लिए वहां भेजा गया है। कानपुर से फॉरेंसिक टीम मौके पर है और लखनऊ से एक विशेषज्ञ टीम भी भेजी जा रही है।
बता दें विकास दुबे वही अपराधी है, जिसने साल 2001 में राजनाथ सिंह सरकार में मंत्री रहे संतोष शुक्ला की थाने में घुसकर हत्या की थी। इस पूरे वारदात पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद संज्ञन लेते हुए डीजीपी और अपर मुख्य सचिव गृह से बात की है।