कोविड 19 महामारी उपेक्षित समूह के उपर आर्थिक प्रभाव-एक विचार गोष्ठी

दिनांक 9 जून, 2020 को पटना विश्वविघालय राजनीति विज्ञान विभाग संकाय द्वारा एक राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया। वेबीनार का विषय था ‘कोविड 19 महामारी उपेक्षित समूह के उपर आर्थिक प्रभाव’। इसको संबोधित करते हुये टाटा सामाजिक अध्ययन संस्थान, मुम्बई की डा. विभूति एन. पटेल ने अपने मुख्य भाषण में कहा कि इन विकट परिस्थितियों में कारपोरेट सेक्टर से ज़्यादा ज़िम्मेवारी सिविल सोसायटी एवं कार्यकर्ताओं ने निभाई है। लेकिन इन संस्थाओं की अपनी सीमायें हैं, इन्हें कही से कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली।

अधिकांश कॉरपोरेट सेक्टर ने जो भी जहाँ भी कुछ मदद की उसमें ना तो सेवा भावना थी और ना ही कोई ज़िम्मेवारी की भावना ही थी। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जो अराजकता फैली उसपर नियंत्रण किया जा सकता था। मुम्बई हाईकोर्ट की अधिवक्ता लारा जेसानी और स्वयं सेवी संस्था से जुड़ी ने अपने कटु अनुभव को साझा करते हुये कहा कि इस लॉकडाउन का सबसे अधिक प्रभाव झोंपड़ियों में रहने वाले लग एवं प्रवासी मज़दूर वर्ग पर पड़ा। जिन कठिन दौर से इस वर्ग को गुज़रना पड़ा वह अकल्पनीय है।

पटना विश्वविधालय राजनीति विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष,डा. शेफाली राय ने अपने स्वागत भाषण में कोरोना काल ख़ासकर लॉकडाउन और उसके बाद का सामाजिक आर्थिक एवं राजनीतिक प्रभाव की विस्तार से चर्चा की।इस वेबनार के विषय का परिचय देते हुए उनहोने कहा की यह आवश्यक हाँ कि हमें मिलकर उपेक्षित वर्ग पर पड़ रहे इसके प्रभाव का निदान खोजना पड़ेगा जो एक समाजविज्ञानि ही कर सकता है।

इस वेबीनार का संचालन राजनीति विज्ञान विभाग की डा. सीमा प्रसाद ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन राजनीति विज्ञान विभाग के ही डा. राकेश रंजन ने किया। इस वेबीनार में लगभग 150 प्रतिभागियो ने हिस्सा लिया। भाग लेंने वाले देश के विभिन्न राज्यों से थे।

Leave a Comment

Your email address will not be published.

बिहार के इन 2 हजार लोगों का धर्म क्या है? विश्व का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड कौन सा है? दंतेवाड़ा एक बार फिर नक्सली हमले से दहल उठा SATISH KAUSHIK PASSES AWAY: हंसाते हंसाते रुला गए सतीश, हृदयगति रुकने से हुआ निधन India beat new Zealand 3-0. भारत ने किया कीवियों का सूपड़ा साफ, बने नम्बर 1