पूर्व क्रिकेटरों Aakash Chopra , Irfan Pathan और मोंटी पनेसर का मानना है कि Cricket की बहाली को लेकर ICC के कुछ दिशा निर्देश अव्यवहारिक हैं और इनकी समीक्षा की जरूरत है। पिछले सप्ताह अंतरराष्ट्रीय Cricket परिषद ने क्रिकेट की बहाली के संदर्भ में कई दिशा निर्देशों के सुझाव रखे थे जिनमें मैच से पहले 14 दिन के पृथकवास अभ्यास शिविरों का प्रावधान है। इनमें गेंद को छूने पर लगातार हाथों की सफाई, अभ्यास के दौरान बाथरूम जाने का कोई ब्रेक नहीं, चेजिंग रूम में कम से कम समय बिताना , गेंद पर लार के इस्तेमाल पर रोक और साथी खिलाड़ियों या अंपायरों से अपना सामान जैसे कैप, सनग्लास या तौलिया साझा नहीं करना शामिल है।
भारत के पूर्व तेज गेंदबाज पठान ने कहा कि व्यक्तिगत खेल में सामाजिक दूरी बनाए रखी जा सकती है लेकिन टीम खेल में काफी कठिन है। मैच में स्लिप की जरूरत है तो क्या नहीं लगाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि टीम 14 दिन के पृथकवास में है और Corona संक्रमण की जांच होती है तो मुझे प्रक्रिया पर कोई ऐतराज नहीं है। मैच के दौरान अगर और दिशा निर्देश मिलते हैं तो मामला पेचीदा हो जाएगा। ऐसे में फिर पृथकवास की अवधि के क्या मायने। उन्होंने कहा कि सुरक्षा सर्वोपरि है लेकिन खेल को पेचीदा बनाकर नहीं। गेंदबाज या फील्डर हर बार गेंद को छूने पर हाथ सेनिटाइज करेगा तो काफी कठिन हो जाएगा।
पूर्व सलामी बल्लेबाज चोपड़ा ने कहा कि हालात रोजाना बदल रहे हैं और ऐसे में अभी कोई दिशा निर्देश तय करना जल्दबाजी होगा। उन्होंने कहा कि हर बार गेंद को छूने के बाद हाथ सेनिटाइज करना संभव ही नहीं है। वहीं स्वास्थ्य की दृष्टि से सुरक्षित माहौल में और सभी की जांच के बाद खेल होने पर अतिरिक्त उपायों की क्या जरूरत है। उन्होंने कहा कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा। खेल की बहाली के करीब पहुंचने में समय लगेगा और तभी कुछ कहा जा सकता है। इंग्लैंड के पूर्व स्पिनर पनेसर ने कहा कि इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच सीरीज से तस्वीर साफ होगी। उन्होंने कहा कि 14 दिन का पृथकवास जरूरी है। मुझे लगता है कि जुलाई में इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच सीरीज से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की बहाली होगी। उसके बाद व्यवहारिक सुझाव मिल सकेंगे।