चंद्र ग्रहण को ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना माना जाता है। पांच जुलाई को धनु राशि में चंद्र ग्रहण लग रहा है। इस दिन लगने वाला चंद्र ग्रहण साल का तीसरा ग्रहण है। चंद्रमा पृथ्वी के सबसे पास है। इसलिए चंद्रमा का प्रभाव पृथ्वी पर सबसे अधिक रहता है। 9 ग्रहों में सूर्य और चंद्रमा ही ऐसे ग्रह हैं जिन्हे आखों से देखा जा सकता है।
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को आत्म और चंद्रमा को मन का कारक माना गया है। ग्रहण के समय चंद्रमा पीड़ित माने गए हैं। पंचांग के अनुसार पांच जुलाई को पूर्णिमा की तिथि है। इसे आषाढ़ी पूर्णिमा भी कहते हैं। इसके बाद श्रावण का महीना यानि सावन शुरू हो जाते हैं। 6 जुलाई से सावन शुरू हो रहे हैं। इस दिन सावन का प्रथम सोमवार भी है। पांच जुलाई को गुरू पूर्णिमा का पर्व भी है। चूंकि इस दिन लगने वाले ग्रहण को उपछाया चंद्र ग्रहण माना जा रहा है। जिस कारण सूतक नहीं लगेगा। यानि पूजा पाठ और अन्य धार्मिक कार्य किए जा सकेंगे।
इस दिन गर्मी और उमस रहेगी, लेकिन बारिश के भी योग बन रहे हैं। यानि बारिश के चलते Temperature में गिरावट आ सकती है। इस दिन अधिकतम Temperature 34 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है। न्यूनतम Temperature 27 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है।
सावन का पहला सोमवार चंद्र ग्रहण के बाद यानि 6 जुलाई को है। इस दिन भी बारिश का योग बन रहा है। समुद्र मंथन से जब विष निकला, तो उस विष को भगवान शिव ने अपने कंठ में उतार लिया था। जिस कारण उनका कंठ नीला पड़ गया। विष की गर्मी को शांत करने के लिए देवराज इंद्र ने बारिश कराई थी। माना जाता है कि यह समय श्रावण मास का था। सावन के पहले सोमवार को वर्षा का होना शुभ माना गया है।