हाईकोर्ट की तरफ से छत्तीसगढ़ के सरकार को तगड़ा लगा है। कोर्ट ने बढ़े हुए आरक्षण पर लगाने के आदेश दिये हैं। हाईकोर्ट के प्रमुख न्यायाधीश की डिवीजन बेंच ने ये आदेश जारी किया है। छत्तीसगढ़ में बढ़ाए गए आरक्षण के खिलाफ चार लोगों ने याचिका दायर की थी। जबकि इसे समर्थन देने वाली याचिका सिर्फ एक थी।
बता दें कि आरक्षण के खिलाफ कोर्ट में जो याचिका दायर हुई थी, उसमें कहा गया था कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया है। वहीं वकील अनीश तिवारी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आरक्षण बढ़कर 82 फीसदी हो गया था। कोर्ट ने साफ तौर पर कहा था कि 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण राज्य में नहीं किया जा सकता। लेकिन सुप्रीम कोर्ट की बातों को सिरे से नजरअंदाज करते हुए आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाया गया था।
बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वतंत्रता दिवस पर अन्य पिछड़ा वर्ग को तोहफा देते हुए आरक्षण प्रतिशत बढ़ा दिया था। पहले उन्हें 14 फीसदी आरक्षण मिलता था, बाद में 13 फीसदी और बढ़ा दिया गया। यानी इस वर्ग को राज्य में 27 फीसदी आरक्षण मिलने लगा।