नागरिकता संशोधन कानून पर लोग पिछले एक महीने से ज्यादा समय से सड़को पर डटे हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों के साथ ही दिल्ली के शाहीन बाग में भी लोग 15 दिसंबर से धरने पर बैठे हैं CAA को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि भारत के पड़ोसी देशों से हिंदू, बौद्ध, ईसाई, पारसी, सिख और जैन समुदाय के प्रताड़ित लोगों को नागरिकता देने की बात करता है, लेकिन इस कानून में जानबूझकर मुसलमानों को शामिल नहीं किया गया है। CAA पर विपक्षी दल भी लगातार सरकार को घेरने में लगी है। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट में नागरिकता संशोधन कानून को चुनौती देने और समर्थन करने वाली कुल दायर 144 याचिकाओं पर आज सुबह 11 बजे सुनवाई होगी। CAA पर दायर याचिकाओं पर CJI एस ए बोबड़े, जस्टिस अब्दुल नज़ीर और संजीव खन्ना की बेंच सुनवाई करेगी। आपको बता दें बीते साल दिसंबर में नागरिकता संशोधन कानून पर 60 याचिकाएं दायर की गई थी। उस वक्त दायर की गई 60 याचिकाओं में ज्यादातर में CAA को असंवैधानिक बताते हुए इसपर रोक लगाने की मांग की गई थी, साथ ही को नागरिकता संशोधन कानून को संविधान के खिलाफ बताया गया है।
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में मुख्य रूप से कांग्रेस नेता जयराम रमेश, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा, AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी, RJD नेता मनोज झा, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और जमीयत उलेमा ए हिंद ने याचिका दायर की है।