एक साल पहले सत्ता संभालते ही CM गहलोत ने सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय करने की घोषणा की थी। इसके लिए उन्होंने देश में पहली बार प्रदेश में जवाबदेही कानून बनाने की बात कही थी। देश में पहली बार राजस्थान सरकार “जवाबदेही कानून” लागू करेगी। कानून बनकर तैयार है, नए साल मे इसे लागू कर दिया जाएगा। जवाबदेही कानून के दायरे में 25 विभागों में 220 सेवाओं को शामिल किया गया है। गहलोत सरकार जवाबदेही कानून के माध्यम से सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की मनमानी पर अंकुश लगाने और आम लोगों को राहत देने का प्रयास कर रही है।
गहलोत की मंशा के अनुसार कानून का मसौदा तैयार कर लिया गया है। अब नए साल में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस कानून पर मुहर लगाई जाएगी। इस कानून में पंचायती राज, जलदाय, स्वायत्त शासन, सार्वजनिक निर्माण, सिंचाई, ऊर्जा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, परिवहन, कृषि, कृषि विपणन, स्थानीय निकाय, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, शिक्षा, चिकित्सा, देवस्थान, ग्रामीण विकास, वन, रोड़वेज आदि विभागों और जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय से जुड़ी सेवाओं को शामिल किया गया है।
सुनवाई के बाद संबंधित विभागों के अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी कि वे शिकायतों का निस्तारण करें। सुनवाई के बाद शिकायत का निस्तारण यदि एक माह में नहीं होता है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एक माह बाद शिकायत पर जिला सतर्कता समिति सुनवाई करेगी। जिला स्तरीय समिति में मामलों का निस्तारण तय समय पर करना होगा, यदि इसमें कोई अधिकारी या कर्मचारी टालमटोल करेगा तो उसको दंड दिया जाएगा।