लोक आस्था का महापर्व छठ नहाय-खाय के साथ आज से आरंभ हो रहा है। महापर्व को लेकर पूरे उत्तर और पूर्व राज्यों में चहल-पहल दिखने लगी है। विभिन्न रीति-रिवाज से जुड़े लोगों के साथ आम लोग भी छठ पर्व का अनुष्ठान करेंगे। छठ पर्व पर बाहर से अपने घर लौटने वाले लोगों के आने का सिलसिला जारी है। वहीं, गली-मुहल्ले में छठ के पारंपरिक गीत गूंज रहे हैं, जिससे पूरा माहौल छठमय नजर आ रहा है।
इस पूजा की विधि भी अनूठी और विशिष्ट है, केवल उगते सूरज की ही नहीं बल्कि डूबते सूर्य की भी उपासना की जाती है, इस प्रकार के संस्कार और पूजन विधि के सारी दुनिया में कायल हैं, इस कठोर व्रत के लिए वर्ती महिलाएं या पुरुष आज से ही सभी तैयारियों में जुट गए हैं.
भले ही लोग अलग-अलग रीति-रिवाज से जुड़े हैं पर छठ महापर्व सभी को एक सूत्र में बांधकर एक कर देता है। पर्व को लेकर घरों में तैयारी जोर-शोर से चल रही है। कोई घर की साफ-सफाई करने में लगा है तो कोई व्रती पूजा के बर्तनों की सफाई करने में। उद्देश्य एक, छठी मइया की कृपा बने रहने का।
लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर घर से घाट तक तैयारियां जोरों पर है। व्रती घर की साफ-सफाई के साथ व्रत के लिए पूजन सामग्री खरीदने में जुट गए हैं। कोई व्रती अपने घर में नहाय-खाय के लिए चावल चुनने में लगी हैं तो कोई छत पर गेहूं सुखाने में लगी हैं। छठ की खास बात यह है कि व्रत की हर विधि के लिए छठ के गीत भी अलग-अलग हैं।
लोक आस्था का पर्व छठ को लेकर मौसमी बाजार सजने लगा है। बांस निर्मित सूप-दउरा को मौसमी बाजार में उपलब्ध है। मंगलवार से इसकी खरीदारी शुरू हो जाएगी। गया, पूर्णिया व झारखंड से सूप, छांटी टोकरी व दउरा की खेप मंगाई गई है। कारोबारियों ने बताया कि संकल्प व्रत नहाय-खाय के दिन से सूप, दउरा व छांटी टोकरी की खरीददारी अधिक होगी। शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर सजे बाजार में छठ के नियमित उपयोग में आने वाली सामग्री सज चुकी है।
COURTSEY:- RENUKA TRIVEDI (BUREAU CHIEF)