जीवन से तनाव मिटाने के लिए अपनायें ये उपाय, जानें सांस लेने का सही तरीका

आजकल की जिंदगी में बड़ों से लेकर बच्चे तक तनाव झेल रहे हैं। तनाव से निपटने में योग काफी मददगार साबित होता है। हमारे लिए सबसे जरूरी है सांस. सांस बंद तो जिंदगी खत्म। दरअसल, हमारे शरीर के सेल्स को काम करने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है, जो सांस के जरिए हमें मिलती है। यह ऑक्सीजन शरीर में जाकर कार्बन डाइऑक्साइड में बदल जाती है और इस कार्बन डाइऑक्साइड का थोड़ा भी हिस्सा हमारे शरीर में रहे तो हमारे सेल्स को नुकसान होता है। इसलिए सही मात्रा में ऑक्सीजन लेने और कार्बन डाइऑक्सइड निकालने के लिए सही तरीके से सांस लेना जरूरी है।

तनाव दूर करना है तो जानें, सांस लेने का सही तरीका
क्या आप भी ऑफिस और घर के कामों की वजह से तनाव में हैं? जीवन में शांति महसूस नहीं हो रही तो अपने सांस लेने के तरीके पर गौर करें. आपको यकीन नहीं होगा सिर्फ सांस लेने का तरीका बदलकर आप तनाव को दूर कर सकते हैं।

सांस लेने की क्षमता का 70-75 फीसदी जरूर करें यूज
हम लोग आमतौर पर अपनी सांस लेने की क्षमता का 15-20 फीसदी तक ही इस्तेमाल करते हैं जबकि हमें इसका 70-75 फीसदी तक इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। हम तेज-तेज सांस लेते हैं तो हार्ट को भी ज्यादा काम करना पड़ता है। योग गुरु अरुण के मुताबिक सांस लेने का सही फॉर्म्युला है SSLD यानी Smooth, Slow, Long और Deep यानी गहरी, लंबी और धीमी सांस लेना। हम लोग एक मिनट में करीब 15-17 बार सांस लेते हैं। जो जीव जितना कम यानी लंबी और गहरी सांस लेता है, वह उतना लंबा जीवन जीता है। सही तरीके से सांस लेना दिल और फेफड़ों के लिए अच्छा है। इससे ब्लड प्रेशर कम होता है। सही तरीके से सांस लेने से शरीर को बेहतर ऑक्सीजन मिलती है। इससे कॉन्संट्रेशन और मेमरी अच्छी होती है। साथ ही, गुस्सा और एंग्जाइटी भी कम होने लगती है। यहां तक कि इससे एंडॉर्फिन हॉर्मोंस निकलता है, जो तनाव कम करता है।
गहरी सांस ले-

रोजाना दिन में दो बार 5-10 मिनट के लिए डीप ब्रीदिंग करें यानी गहरी सांस लें। इस दौरान आराम से बैठ जाएं और आराम से गहरी-गहरी सांस लें। आप ऑफिस में सीट पर बैठकर भी कर सकते हैं। इससे हमारे शरीर में डोपामाइन हॉर्मोन निकलता है जो हमारे नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। यह हॉर्मोन इंसान को खुश रखने में मदद करता है।
मेडिटेशन करें-
रोजाना 15 मिनट मेडिटेशन करने से तनाव से मुक्ति मिलती है। माइंडफुल मेडिटिशन करना आसान भी है और असरदार भी। यह आपमें मौजूदा लम्हे को जीने और स्वीकार करने की क्षमता देता है। सुखासन में सीधे बैठें और दोनों हाथों को ज्ञान मुद्रा में घुटनों पर रख लें। आंखें बंद कर लें और अपनी सांसों पर पूरा ध्यान लगाएं। शरीर के अंदर जाते सांस और बाहर निकालते हुए दोनों बार सांस पर ध्यान दें। अपने आसपास की चीजों को महसूस करें. उन्हें स्वीकार करें।
शवासन करें-
आसन और प्राणायाम के बाद शवासन जरूर करें। आराम से जमीन पर लेट जाएं और आंखें बंद कर लें।शरीर को ढीला छोड़ दें फिर एक-एक कर बारी-बारी से शरीर के हर अंग पर ध्यान लगाएं। उस अंग को महसूस करें। उसे लाड करें. कुल 5 मिनट करें।

कुदरत के पास रहें-
प्रकृति के 5 तत्वों के करीब रहने से तनाव कम होता है और मन प्रसन्न रहता है। आकाश, जल, अग्नि, वायु और पृथ्वी के करीब रहें। घास पर नंगे पैर चलें. दोनों हाथ फैलाकर आसमान की ओर देखें। घर से बाहर निकलकर ताजी हवा लें। सूरज की रोशनी में कुछ वक्त जरूर बिताएं और साफ पानी पिएं।

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