महाशिवरात्रि का नाम कानों में पड़ते ही भगवान शंकर की छवि आंखों में उभर आती है। शिव के भक्तों के लिए महाशिवरात्रि का त्योहार बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। महाशिवरात्रि का पर्व इस बार 21 फरवरी 2020 को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने और व्रत रखने से सभी प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती है। जीवन में संकटों से मुक्ति मिलती है और भगवान शिव का आर्शीवाद प्राप्त होता है। मान्यता है कि इस दिन शिव की पूजा करने से कई तरह के कष्ट दूर होते हैं।
महाशिवरात्रि को पूरे देश में एक त्यौहार की तरह मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिवरात्रि का उत्सव मनाया जाता है। शिवरात्रि पर इस बार एक खास योग बन रहा है जो 117 साल बना है। इस दिन शनि और शुक्र का दुर्लभ योग बन रहा है। इससे पहले यह संयोग 1903 में बना था।
इस साल शिवरात्रि पर शनि अपनी स्वयं की राशि मकर में और शुक्र ग्रह अपनी उच्च राशि मीन में स्थित होग। बड़े ग्रह शिवरात्रि पर इस स्थिति में रहेंगे। इस संयोग का प्रभाव सभी 12 राशियों पर भी होगा। जिन लोगों के जीवन में शनि और शुक्र से संबंधित दिक्कतें बनी हुई हैं वे लोग महाशिवरात्रि पर उपाय कर इन दिक्कतों से बच सकते हैं। इस दिन भगवान शिव की विधि विधान से पूजा करने से कई तरह के संकटों से मुक्ति मिलती है।
शुभ मुहू्र्त
21 फरवरी 2020: शाम 5: 20 मिनट से महाशिवरात्रि का आरंभ
22 फरवरी 2020: शाम 7: 02 मिनट तक
शिवरात्रि का पौराणिक मान्यता
मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था। भगवान शंकर की बारात के बारे में तो सभी जानते हैं। जिस रात भगवान शिव और आदि शक्ति माता पार्वती का मिलन हुआ था उसे ही शिवरात्रि कहा गया। महाशिवरात्रि का पर्व पूरे देश में उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है।