टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली आज दुनिया के बेस्ट बल्लेबाज हैं। टेस्ट, वनडे और टी20, तीनों ही फॉर्मेट में विराट कोहली (Virat Kohli) की तूती बोलती है। तीनों फॉर्मेट में 50 का औसत रखने वाले वो दुनिया के इकलौते बल्लेबाज हैं। विराट कोहली आज इतने बड़े बल्लेबाज हैं तो इसकी वजह उनकी मेहनत तो है ही, साथ ही पार की नजर रखने वाले पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसकर का भी उनकी कामयाबी में बड़ा हाथ है। वो दिलीप वेंगसरकर ही थे जिन्होंने सबसे पहले विराट कोहली के अंदर टीम इंडिया के लिए खेलने का टैलेंट देखा था और उन्होंने ही इस खिलाड़ी को नीली जर्सी पहनने का मौका दिया था।
दिलीप वेंगसरकर (Dilip Vengsarkar) ने स्पोर्ट्सकीड़ा वेबसाइट के साथ फेसबुक लाइव पर बातचीत में विराट कोहली के सेलेक्शन की कहानी बताई। वेंगसरकर ने कहा, ‘साल 2000 में BCCI ने एक टैलेंट ढूंढने वाली कमिटी बनाई थी, जिसका मैं अध्यक्ष था। मेरे साथ बृजेश पटेल भी थे। मैं देशभर में U-14, U-16 और U-19 के मैच देखता था। विराट कोहली को मैंने पहली बार U-16 मैच में मुंबई के खिलाफ देखा था। विराट कोहली, लालू यादव के बेटे तेजस्वी की कप्तानी में खेल रहे थे। विराट कोहली ने वहां जबर्दस्त बल्लेबाजी की।’
दिलीप वेंगसरकर (Dilip Vengsarkar) ने आगे खुलासा किया, ‘ इसके बाद ऑस्ट्रेलिया में इमर्जिंग ट्रॉफी होनी थी, जिसमें मैंने विराट कोहली को चुना था। मैंने विराट कोहली को वहां देखा और ग्रेग चैपल मेरे साथ बैठे थे। कीवी टीम के खिलाफ विराट ने ओपनिंग की और उन्होंने लक्ष्य का पीछा करते हुए नाबाद 123 रन ठोके। शतक के बाद भी वो आउट नहीं हुए और उन्होंने मैच खत्म किया। वहां मुझे लगा कि ये खिलाड़ी टीम इंडिया के लिए तैयार है। वो मानसिक तौर पर परिपक्व थे। इसलिए हमने उन्हें टीम इंडिया में खेलने का मौका दिया।’
धोनी को टीम इंडिया की कमान सौंपने के पीछे भी दिलीप वेंगसरकर का ही हाथ था। वेंगसरकर ने धोनी को कप्तान बनाने के मुद्दे पर कहा, ‘हमने इंग्लैंड को इंग्लैंड में हराया था और राहुल द्रविड़ ने उसके बाद कप्तानी छोड़ दी। हमें ऑस्ट्रेलिया जाना था और हमने सोचा कि धोनी को फिलहाल ODI और T20 टीम का कप्तान बनाना चाहिए और टेस्ट में अनुभवी लेकिन आक्रामक अनिल कुंबले को कमान सौंपनी चाहिए। धोनी की कप्तानी में हमने पहली बार ऑस्ट्रेलिया में वनडे सीरीज जीती और उसके बाद उन्होंने इतिहास रचा।’