इस धनतेरस, ‘धनबरसे’

दीपों का उत्सव दीपावली, जिसकी शुरुआत धनतेरस के दिन से ही हो जाती है। माता लक्ष्मी धन और संपदा की देवी हैं, कहते हैं जिन पर लक्ष्मी की कृपा हो जाती है, उन्हें इस संसार के सभी सुख प्राप्त हो जाते हैं। तभी तो भक्त धूमधाम से मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करते हैं। कहा जाता है कि धनतेस के दिन आप जो कुछ खरीदते हैं, वह आपके जीवन में शुभ बनकर आता है। धनतेरस दो शब्दों से मिलकर बना है, ‘धन’ और ‘तेरस’, धन यानी पैसा, और तेरस संस्कृति भाषा के ‘त्रयोदस’ शब्द से लिया गया है । कार्तिक कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी तारीख के दिन इस त्योहार को मनाया जाता है। इस दिन भगवान धनवंतरी और कुबेर देवता की भी पूजा करते हैं। भगवान कुबेर को भी धन का स्वामी माना जाता है।

धनतेरस के दिन शुभ होती है खरीदारी

इस दिन खरीदारी करने से घर में हमेशा सुख-शांति और समृद्धि आती है और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद भी बना रहता है। इस दिन खरीदारी करने से सालभर घर में खरीदी गईं चीजें शुभ फल देती हैं।

जानिए भगवान धन्वंतरि को

भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद जगत के प्रणेता माना जाता है, वो चिकित्सा शास्त्र के देवता हैं, समुद्र मंथन के 14 रत्नों में से एक थे धन्वंतरि, वो अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे। देव धन्वंतरि को मां लक्ष्मी का भाई भी माना जाता है, धन्वंतरि देवताओं के वैद्य हैं और धन्वंतरि भगवान विष्णु के अंशावतार भी माना जाता है।

धन्वंतरि की पूजा के लिए मंत्र

श्री धन्वन्तरये नमः इस मंत्र का जप 16 बार या 108 बार अवश्य करें, इस मंत्र के जप से पूरे वर्ष भर आरोग्यता बनी रहती है।

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