निर्भया रेपकांड के दोषियों को देश की सर्वोच्च न्यायलय से बड़ा झटका झटका लगा है। सर्वोच्च न्यायलय ने विनय शर्मा और मुकेश ने क्यूरेटिव याचिका ख़ारिज कर दी है। वहीं जिन 2 दोषियों की क्यूरेटिव याचिका खारिज हुई है उनके पास अब सिर्फ राष्ट्रपति की दया याचिका का रास्ता बचा है। इस पर निर्भया की मां आशा देवी की प्रतिक्रिया सामने आई है और उन्होंने संतुष्टि जाहिर की है।
निर्भया की मां आशा देवी ने SC के फैसले के बाद कहा कि वह अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए पिछले 7 साल से लड़ाई लड़ रही हैं। आज अदालत का फैसला उनके लिए बड़ा दिन है, लेकिन सबसे बड़ा दिन 22 जनवरी होगा, जब उनके बेटी के दोषियों को फांसी दी जाएगी। जानकारी के अनुसार बीते दिनों पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया रेप कांड के चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी किया था। इस वारंट के हिसाब से 22 जनवरी की सुबह 7 बजे चारों को फांसी दी जाएगी। हालांकि अभी चारों दोषी दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं।
निर्भया के चार दोषियों मुकेश, विनय, पवन और अक्षय में से सिर्फ मुकेश-विनय ने ही अभी सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर की थी। इस याचिका में अपील की गई थी कि फांसी की सजा से सिर्फ दोषियों ही नहीं बल्कि परिवार पर भी दबाव पड़ रहा है। वहीं याचिकाकर्ता के माता-पिता वृद्ध और अत्यंत गरीब हैं। इस मामले में उनका भारी संसाधन बर्बाद हुआ और अब उन्हें कुछ भी हाथ नहीं लगा है।
निर्भया के इन दो दोषियों के लिए अब कोर्ट का रास्ता पूरी तरह से बंद हो चुका है। यानी दोषी अब दोबारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका नहीं डाल सकते हैं, हालांकि राष्ट्रपति के सामने एक बार दया याचिका दायर की जा सकती है। याचिकाओं के दौर से परे दोषियों को फांसी देने की तैयारी पूरी है और तिहाड़ में डमी के साथ रिहर्सल भी शुरू हो चुकी है।