अब और सावधान हो जाएं, Coronavirus बदल रहा मिजाज; संदिग्‍धों से रहें कोसों दूर

चीन के बाद इटली में कहर बरपा रहे Coronavirus महामारी, COVID19 ने भारत में दस्‍तक देने के साथ ही अपनी भयावहता दिखानी शुरू कर दी है। अब तक 4 लोगों की मौत जे शेप में फैल रहे खतरनाक Coronavirus से हो चुकी है। जबकि 177 लोग देशभर में अभी इससे संक्रिमत बताए गए हैं। ऐसे में पहला चरण पूरा करने के बाद अब Coronavirus अपना मिजाज बदल रहा है।

अब Coronavirus दूसरे चरण में प्रवेश कर गया है। जहां स्‍थानीय स्‍तर पर इसके फैलाव की संभावना बेहद बढ़ गई है। ऐसे में जाने-अनजाने संदिग्‍धों के संपर्क में आने से यह बीमारी और भी भयावह रूप ले सकती है। ऐसे में जितना हो सके एक-दूसरे से दूर रहें। अगले 15 दिन बेहद महत्‍वपूर्ण हैं। इस दौरान अतिरिक्‍त सतर्कता बरतनी है। एहतियात के तौर पर जितना कम हो सके, उतना कम बाहरी संपर्क में रहें, भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। सरकार द्वारा एहतियात के लिए जो निर्देश दिया जा रहा है, उसका कड़ाई से पालन करें। घर-परिवार को संरक्षति करने के लिए इसके लोकल ट्रांसमिशन से कोसों दूर रहें।

पहले चरण में Coronavirus से प्रभावित देशों से आने वाले आगंतुकों और उनके संपर्क में आने वाले लोगों के जरिये फैला यह वायरस दूसरे चरण में अब धीरे-धीरे स्‍थानीय प्रसार के रास्‍ते ढूंढ रहा है। ऐसे में पब्लिक प्‍लेस में इसके फैलने के खतरे सबसे ज्‍यादा हैं। हालांकि अब तक सीमित दायरे में रहा Coronavirus दूसरे चरण के बाद भयावह रूप अख्तियार कर सकता है। इस फेज में जाने-अनजाने लगातार लोगों का संपर्क बना रहता है, ऐसे में एक भी संक्रमित हजारों लोगों को यह बीमारी ट्रांसमिट कर सकता है। संदिग्‍ध मरीजों की संख्‍या जितनी ज्‍यादा बढ़ेगी, हमारी मुश्किलें उतनी ही बढ़ती रहेंगी। इससे आने वाले समय में स्थिति विकराल हो सकती है।

डॉक्‍टरों के मुताबिक तीसरा चरण और भी खतरनाक हो सकता है। क्‍योंकि इस फेज में कई ऐसे मरीज सामने आ सकते हैं, जिनके बारे में पूरी जानकारी जुटाना खासा मुश्किल है। ऐसे में आइसोलेशन से लेकर क्‍वारंटाइन तक भी मुश्किलें आएंगी। Coronavirus के समाज के निचले स्‍तर तक फैलाव की आशंका बढ़ जाएगी। चौथे चरण में सामुदायिक स्‍तर पर बीमारी का फैलाव होने से Coronavirus बड़ी आबादी को अपनी चपेट में ले लेगा। तब यह सही मायने में महामारी विभीषिका बन जाएगी। इस लिहाज से कोरोना पर दूसरे चरण में ही नियंत्रण पाना बेहद जरूरी और अहम है।

डॉक्‍टर का कहना है कि आइसोलेनशन और क्‍वारंटाइन शब्‍द अधिकतर लोगाें के लिए नया है। ऐसे में लोग Coronavirus के नाम से ही घबरा रहे हैं। यहां जानने की जरूरत है कि आइसोलेशन में उन संदिग्‍ध और संक्रमित मरीजों को रखा जाता है, जो इस खतरनाक वायरस की चपेट में आ जाते हैं। तब उन्‍हें अकेले रखकर उनका इलाज प्रक्रियाबद्ध तरीके से किया जाता है।

क्‍वारंटाइन के बारे में बताएं तो इससे कई लोगों को परेशानी होने की बात कही जाती है। हालांकि सच्‍चाई ऐसा बिल्‍कुल नहीं है। क्‍वारंटाइन में निश्चित समय के लिए संक्रमित मरीज को अलग वार्ड या कमरे में रखा जाता है। ताकि यह बीमारी दूसरे लोगों तक न फैले। इस प्रक्रिया में परिवार वालों को भी संक्रमित मरीज से दूर रखा जाता है।

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