कोरोना संकट पर चीन के तेवर तल्ख, कहा- वायरस की राजनीतिकरण का मिलेगा जवाब

साल की शुरूआत से पूरी दुनिया कोरोना संक्रमण से जूझ रही है। कोरोना संक्रमण को लेकर शुरू से ही चीन सवालों के घेरे में है। अमेरिका समेत अन्य कई देशों ने चीन पर सवाल खड़े किए है कि चीन ने ना केवल शुरू में कोरोना वायरस के खतरे की बात दुनिया से छिपाई बल्की चीन की लापरवाही से ये वायरस चीन के वुहान शहर के एक लौब से लीक हुआ। चीन के उपर उठ रहे ऐसे सवालों के बीच अब चीन ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी है। बीजिंग में नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के 13वें अधिवेशन के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि कोरोना वायरस को राजनीतिक हथियार बनाने की कोशिशों का वो जवाब देगा। इतना ही नहीं चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने पूरे तेवर के साथ कहा कि अब ये 100 साल पुराना चीन नहीं है और 140 करोड़ की आबादी की बढ़ती रफ्तार का रास्ता नहीं रोका जा सकता। इसके साथ ही ये भी कहा कि चीन खुद कोरोना वायरस से पीड़ित है, ऐसे में कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर जिम्मेदारी तय करने और हर्जाना वसूल करने जैसे बात बेमतलब है। चीनी विदेश मंत्री के मुताबिक कुछ लोग तथाकथित हर्जाने के नाम पर सबूतों को गढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। इन लोगों के पास न तो कोई ठोस आधार है, और न कानूनी तर्क। मगर ध्यान रहे कि यह 100 साल पुराना चीन नहीं है और न ही ये पुरानी शताब्दि है।

अमेरिका के साथ रिश्तों पर चीनी विदेश मंत्री ने कहा दुनिया के सबसे विकसित और सबसे बड़े विकासशील देश के बीच काफी साझेदारी है। अमेरिका के कई लोगों और संगठनों ने चीन को कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान मदद पहुंचाई है। वहीं दुनिया में इस समय सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका को चीन ने 11 अरब मास्क सप्लाई किए हैं। हालांकि बीते कुछ दिनों में दोनों देशों के बीच शीतयुद्ध जैसे हालात देखने को मिले जिसे खत्म कर देना चाहिए।

आपको बता दें बीते दिनों अमेरिका के कुछ प्रांतों में चीन के खिलाफ कोरोना वायरस के संक्रमण मामले में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया था साथ ही कोरोना संक्रमण से हुए नुकसान की भरपाई के मुकदमे भी दाखिल किए गए थे। बता दें मिसूरी अमेरिका का पहला ऐसा राज्य है जहां कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए पर्याप्त उपाय ने बरतने के आरोप में बीते 21 अप्रैल को कोरोना वायरस से हुए नुकसान की भरपाई के लिए दावा दाखिल किया था। इसी तरह मिसिसिपी के अटॉर्नी ने भी चीन से हर्जाने की मांग करते हुए मुकदमा दाखिल किया जिसे अदालत ने खारिज कर दिया।

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