Jharkhand Assembly Election 2019 – झारखंड में महागठबंधन स्वरूप लेता जरूर दिख रहा है लेकिन सीटों के लिए आपसी दंगल अभी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। विधानसभा की कुल 81 सीटों में झामुमो आधे से अधिक सीटें चाह रहा है लेकिन झामुमो के लिए कांग्रेस सबसे बड़ी बनी हुई है। कांग्रेस पार्टी किसी भी हाल में झामुमो को 40 से अधिक सीटें नहीं देने जा रही है क्योंकि वो खुद 30 सीटों पर अड़ी हुई है। इसके पीछे लोकसभा चुनाव के दौरान सीटों का बंटवारा और फॉर्मूला को आधार माना जा रहा है।
कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में नेतृत्व करने का मौका मिला था और 14 में से सात (आधी) सीटें मिली थीं। अब कांग्रेस चाह रही है कि विधानसभा चुनाव में भी झामुमो को भले नेतृत्व मिले, सीटें 50 फीसद से अधिक न हों। ऐसा होने से कांग्रेस भी अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने में सफल होगी और राजद, आम आदमी पार्टी, राष्ट्रवादी पार्टी और वामपंथी दलों के लिए भी सम्मानजनक सीटों का जुगाड़ हो सकेगा।
कांग्रेस शुरू से ही झामुमो से बड़ा दिल दिखाने की बात कर रही है और चाह रही है कि पार्टी दूसरे दलों की मांगों पर भी सकारात्मक तरीके से विचार करे। विपक्षी महागठबंधन से झारखंड विकास मोर्चा के बाहर जाने को लेकर झामुमो को ही पहली नजर में जिम्मेदार माना जा रहा है। झामुमो मरांडी के पार्टी के लिए सम्मानजनक सीटें देने को तैयार नहीं था और इसी कारण से मरांडी गठबंधन से बाहर का रास्ता पकड़ चुके हैं। अब कांग्रेस को नए फॉर्मूले को लेकर छोटी विपक्षी पार्टियों का साथ भी मिल रहा है। वामपंथी दलों के लिए झामुमो भी सीटे छोडऩे को तैयार है।
कांग्रेस का फॉर्मूला
झामुमो : 40-41
कांग्रेस : 29-30
राजद, वामपंथी, आप, राकांपा : 15-16