कांग्रेस सेवादल की किताब में छपा- नाथूराम गोडसे और वीर सावरकर के बीच समलैंगिक संबंध थे

MP में कांग्रेस सेवादल की ओर से बांटी गई एक किताब पर विवाद हो गया है। ‘वीर सावरकर कितने वीर’, किताब का टाइटल है। यह किताब वीर सावरकर पर आधारित बताई जा रही है। भोपाल में आयोजित किए गए 10 दिवसीय ट्रेनिंग कैंप में इसे बांटा गया। इसमें महात्मा गांधी की हत्या, नाथूराम गोडसे और वीडी सावरकर का जिक्र किया गया है। किताब में दावा किया गया है कि नाथूराम गोडसे और वीर सावरकर के बीच समलैंगिक संबंध थे।
‘वीर सावरकर कितने वीर’ में कई किताबों के हवाले से तमाम तरह के आपत्तिजनक दावे किए गए हैं। डॉमिनिक लैपिएर और लैरी कॉलिन की किताब ‘फ्रीडम एट मिडनाइट’ का जिक्र करते हुए इसमें लिखा है, ‘ब्रह्मचर्य धारण करने से पहले नाथूराम गोडसे के एक ही शारीरिक संबंध का ब्यौरा मिलता है। यह समलैंगिक संबंध थे। उनका पार्टनर था उनका राजनैतिक गुरु वीर सावरकर। सावरकर अल्पसंख्यक महिलाओं से बलात्कार करने के लिए लोगों को उकसाते थे।’

किताब में लिखा है, ‘सावरकर जब 12 साल के थे तब उन्होंने मस्जिद पर पत्थर फेंके थे और वहां की टाइल्स तोड़ दी थी।’ किताब के 14वें पन्ने पर सवाल है, ‘क्या सावरकर ने हिंदुओं को अल्पसंख्यक महिलाओं से बलात्कार करने के लिए प्रोत्साहित किया?’ इसके जवाब में लिखा है, ‘यह सही है। सावरकर ने बलात्कार को एक न्यायसंगत राजनैतिक हथियार बताया था। अपनी पुस्तक ‘सिक्स ग्लोरियस एपोक्स ऑफ इंडियन हिस्ट्री’ में जानवरों की व्यावहारिक प्रवृत्ति को जोड़ते हुए सावरकर ने व्याख्या की कि कैसे हर जानवर अपने अस्तित्व को बनाए रखने के लिए अपनी आबादी बढ़ाना चाहता है। यहां तक कि रावण और सीता के बारे में वे कहते हैं कि शत्रु की महिला को अगवा करने और उससे बलात्कार करने को तुम अधर्म कहते हो? ये तो परोधर्म है। महानतम कर्तव्य। उनके अनुसार हिंदुओं के विरुद्ध मुस्लिम महिलाएं इसलिए भाग लेती हैं क्योंकि उन्हें हिन्दू पुरुषों से इसके लिए बदला लिए जाने का डर नहीं होता है। जो कि इस विकृत सोच से ग्रस्त हैं कि महिलाओं को शिष्टाचार और सम्मान देना चाहिए।’

एक दूसरी किताब ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी- कुछ तथ्य और जानकारी’ में दावा किया गया है कि संघ शुरू से ही फांसीवाद और नाजीवाद से प्रेरणा लेता है। जैसे हिटलर ने यहूदियों के साथ किया RSS भी देश के अल्पसंख्यकों को अपने नागरिक अधिकारों से वंचित करना चाहता है। जब इन दोनों पुस्तिकाओं में विवादास्पद सामग्री पर सवाल उठाया गया, तो कांग्रेस सेवा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालजी देसाई ने कहा, ‘जो उल्लेख किया गया है वह ऐतिहासिक तथ्य है, जिसे उचित संदर्भों के साथ लिखा गया है। जनता के लिए BJP द्वारा नायक के रूप में प्रस्तुत किए जाने वाले लोगों की वास्तविकता को जानना महत्वपूर्ण है। आज हमारे देश में हर किसी को अपनी बात रखने का अधिकार है’।

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