जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन किया. नागरिकता संशोधन बिल 2019 पर केंद्र सरकार को समर्थन के बाद JDU में नाराजगी खुलकर सामने आ गई है। पार्टी के उपाध्यक्ष और चुनाव सलाहकार प्रशांत किशोर ने अपनी ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फैसले पर दुख व्यक्त किया है।
उन्होंने ट्वीट किया, “धर्म के आधार पर नागरिकता के अधिकार में भेदभाव करने वाले नागरिकता संशोधन विधेयक को जेडीयू का समर्थन मिलते हुए देखकर निराशा हुई।”
“यह पार्टी के संविधान के उलट है जिसके पहले पन्ने पर ही 3 बार धर्मनिरपेक्ष शब्द लिखा हुआ है और जिसका नेतृत्व कदाचित गांधीवादी आदर्शों की राह पर चलता है।” वहीं सोमवार देर रात तक चली तीखी बहस के बाद लोकसभा में पास हुए इस विधेयक का समर्थन करते हुए JDU नेता राजीव रंजन सिंह ने कहा कि यह विधेयक किसी भी तरह धर्मनिरपेक्षता के ख़िलाफ़ नहीं है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सदन को आश्वस्त करते हुए कहा कि यह बिल किसी भी तरह गैर संवैधानिक नहीं है। जबकि कांग्रेस ने इसे काला दिन बताया और अन्य विपक्षी पार्टियों ने इसे हर मंच पर चुनौती देने की घोषणा की है। दूसरी तरफ लोकसभा में NRC को मंजूरी मिलने के बाद अब केंद्र सरकार ने इसे राज्यसभा में पास कराने की तैयारी शुरू कर दी है। सोमवार को संसद में 311 वोटों के साथ बिल को मंजूरी मिलने के बाद BJP ने 10 और 11 दिसंबर को अपनी पार्टी के राज्यसभा सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है।