कोटा के जेके लोन सरकारी अस्पताल में मासूम बच्चों की मौत का सिलसिला रुक नहीं रहा है। 106 मासूम अब तक दम तोड़ चुके हैं। और अब कोटा के बाद बूंदी में भी यह मामला फैल गया है। जहां 10 मासूम बच्चे जिंदगी के सामने हार चुके हैं। इसी बीच कोटा मामले में गठित जांच समिति द्वारा दो दिन पहले अपनी रिपोर्ट सौंप दी गयी है ।
जांच समिति का कहना है कि अस्पताल में लगभग हर तरह के उपकरण और व्यवस्था में बहुत सारी कमियां हैं। बच्चो की मौत का मुख्य कारण हाइपोथर्मिया यानी ठण्ड बताया गया है। जबकि सच्चाई यह है कि इससे बच्चों को बचाने के लिए आवश्यक अस्पताल का हर उपकरण और सुविधा खराब है। कोटा के अस्पताल में बीते 34 दिन में 106 बच्चे मौत की नींद सो चुके है ।