राजस्थान में बच्चों की कब्रगाह बने अस्पताल, कोटा से भी आगे निकले बीकानेर व जोधपुर

राजस्थान के अस्पताल बच्चों की बच्चों की कब्रगाह बन गए हैं। कोटा ही नहीं अन्य जनपदों के अस्पतालों में भी पिछले कुछ दिनों के अंदर सैकड़ों बच्चों की मौत हो चुकी है। कोटा के जेके लोन अस्पताल में पिछले 36 दिनों में 110 बच्चों की मौत के बाद अब अन्य अस्पतालों की भी कलई खुलने लगी है। पहले ही किरकिरी झेल रही गहलोत सरकार के लिए यह एक और झटका है। खबरों के मुताबिक बीकानेर का पीबीएम अस्पताल और जोधपुर मेडिकल कॉलेज बच्चों की मौत के मामले में कोटा से भी आगे निकल गए हैं। बीकानेर में एक महीने के अंदर 162 जबकि जोधपुर में 146 बच्चों की मौत हो गयी है। मरने वाले ज्यादातार बच्चे नवजात हैं। जोधपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का गृहनगर है। सरकारी अस्पतालों में शिशुओं की मौत पर उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी अपनी ही सरकार पर सवाल उठा चुके हैं। इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की मौत ने BJP को भी प्रियंका गांधी पर हमला करने का मौका दे दिया है।

बीकानेर के पीबीएम शिशु अस्पताल में पिछले एक महीने के अंदर कुल 2219 बच्चे भर्ती किए गए। इनमें बाहर से आए नवजात और अस्पताल में जन्मे बच्चे शामिल हैं। इन्हीं 2219 बच्चों में से 162 बच्चों की मौत हो गयी। जो भर्ती हुए बच्चों की संख्या का 7.3 फीसदी है। वहीं जनवरी 2019 से दिसंबर 2019 तक यहां कुल 1681 बच्चों की मौत हुई। 220 बेडों वाले पीबीएम अस्पताल के शिशु वार्ड में 140 बेड जनरल वार्ड के हैं। जबकि 72 बेड नियोनेटल केयर यूनिट के हैं। मरने वाले बच्चों में सबसे ज्यादा नवजात ही हैं। हालांकि अस्पताल प्रशासन ने किसी तरह की लापरवाही से इनकार किया है।

वहीं जोधपुर के डॉ. सम्पूर्णानंद मेडिकल कॉलेज में भी महीने भर के अंदर 146 बच्चे दम तोड. चुके हैं। जिनमें 100 से ज्यादा नवजात हैं। जोधपुर मेडिकल कॉलेज एमडीएम और उम्मेद अस्पताल में शिशुओं का इलाज करता है। यहां राजस्थान के पांच जनपदों, जैसलमेर, बाड़मेर, जालौर, सिरोही और पाली से मरीज आते हैं। बीते दिसंबर माह में यहां कुल 4689 बच्चे भर्ती हुए। जिनमें से 3002 नवजात थे। दिसंबर में भर्ती किए गए कुल बच्चों में से 146 की मौत हो गयी।

अस्पताल प्रशासन की सफाई
पीबीएम शिशु अस्पताल से संबद्ध सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एचएस कुमार ने बच्चों की मौत तो स्वीकार की है लेकिन उन्होंने किसी तरह की लापरवाही मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि बच्चों का जीवन बचाने का पूरा प्रयास जा रहा है। मरने वाले नवजात ज्यादातर गांवों से रेफर होकर यहां पहुंचने वाले हैं। जिनकी हालत पहले ही खराब हो चुकी होती है। इसलिए गंभीर बच्चों को बचाना मुश्किल जाता है।

बीजेपी नेताओं ने पीबीएम अस्पताल का किया दौरा
राजस्थान के अस्पतालों में बच्चों की मौत को BJP अपने लिए एक अवसर की तरह ले रही है। CAA पर राजनीति कर रहीं प्रियंका गांधी को घेरने के लिए BJP भी इस मुद्दे को तूल देने में जुट गयी है। रविवार को BJP नेताओं ने पीबीएम शिशु अस्पताल का निरीक्षण किया। अस्पताल में एक बेड पर दो-दो बच्चों का इलाज चल रहा था, जिसे BJP नेताओं ने बड़ी लापरवाही माना है। BJP नेताओं का आरोप है कि बच्चों के बेड पर गंदी बेडशीट बिछाई जा रही है, ठण्ड से बचाव के लिए उन्हें कंबल भी पर्याप्त मात्रा में नहीं दिए जा रहे हैं।

गुजरात के राजकोट अस्पताल में भी 111 बच्चों की मौत
राजस्थान के अस्पतालों में बच्चों की मौत की खबरों के बीच गुजरात के राजकोट सिविल अस्पताल में भी दिसंबर महीने में 111 बच्चों के मरने की खबर आई है। इस बारे में जब मीडियाकर्मियों ने CM विजय रूपाणी से सवाल पूछना चाहा तो वह बिना कुछ बोले ही निकल गए।

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