बरेली जिले में प्रशासन का अमानवीय चेहरा सामने आया है। Lockdown के बीच यहां गैर राज्यों से पलायन कर लौटे लोगों को अनोखे तरीके से सैनिटाइज किया। बस स्टैंड पर लोगों को जमीन पर बैठाकर पाइप से कैमिकल डालकर विसंक्रमित किया गया। मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। dm नीतीश कुमार ने कहा- बसों को सैनिटाइज करने का निर्देश था। लेकिन कर्मियों ने जल्दबाजी में ऐसा किया। संबंधित पर कार्रवाई होगी।
दिल्ली, नोएडा, हरियाणा, उत्तराखंड समेत कई राज्यों से आए सैकड़ों लोग रविवार को बरेली पहुंचे। जिसमें पुरुष, बच्चे व महिलाएं भी थीं। सभी को बस स्टैंड पर जमीन पर बैठा दिया गया। इसके बाद आग बुझाने वाली फायर ब्रिगेड के टैंक में भरे पानी में सोडियम हाइपोक्लोराइड केमिकल मिलाकर सभी को अनोखे तरीके से विसंक्रमित किया गया। यू कहें कि, लोगों पर केमिकल की बारिश की गई तो गलत नहीं होगा। इस दौरान कुछ लोगों और बच्चों की आंखों में जलन होने लगी।
उन्होंने ट्रैफिक पुलिसकर्मियों व फायर कर्मियों से इस बात की शिकायत की। लेकिन लोगों का इलाज तक नहीं कराया गया। डीएम नीतीश कुमार ने बताया कि, इस वीडियो की पड़ताल की गई। प्रभावित लोगों का सीएमओ के निर्देशन में उपचार किया जा रहा है। बरेली नगर निगम एवं फायर ब्रिगेड की टीम को बसों को सैनिटाइज़ करने के निर्देश थे, पर अति सक्रियता के चलते उन्होंने ऐसा कर दिया। सम्बंधित के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
बरेली के एक डॉक्टर गिरीश मक्कर ने कहा कि “जब तरल ब्लीच को पानी में मिलाया जाता है तो यह क्लोरीन के स्तर पर निर्भर करता है। यह त्वचा पर लगाने पर जलन और खुजली भी पैदा कर सकता है। उन्होंने कहा कि रसायनों का उपयोग सतहों को साफ करने के लिए कीटाणुनाशक के रूप में किया जाता है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने भी इसको लेकर ट्वीट करते हुए कहा, ”यूपी सरकार से गुजारिश है कि हम सब मिलकर इस आपदा के खिलाफ लड़ रहे हैं, लेकिन कृपा करके ऐसे अमानवीय काम मत करिए। मजदूरों ने पहले से ही बहुत दुख झेल लिए हैं। उनको केमिकल डाल कर इस तरह नहलाइए मत। इससे उनका बचाव नहीं होगा बल्कि उनकी सेहत के लिए और खतरे पैदा हो जाएंगे।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व CM अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर प्रदेश की योगी सरकार को घेरते हुए ट्वीट कर पूछा, ”यात्रियों पर सेनिटाइजेशन के लिए किए गए केमिकल छिड़काव से उठे कुछ सवाल:
- क्या इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देश हैं?
- केमिकल से हो रही जलन का क्या इलाज है?
- भीगे लोगों के कपड़े बदलने की क्या व्यवस्था है?
- साथ में भीगे खाने के सामान की क्या वैकल्पिक व्यवस्था है?
वहीं, पूर्व CM और BSP अध्यक्ष मायावती ने भी योगी सरकार पर हमला बोलते हुए इस कदम की कड़ी निंदा की है। मायावती ने ट्वीट कर कहा कि देश में जारी जबर्दस्त लाॅकडाउन के दौरान जनउपेक्षा व जुल्म-ज्यादती की अनेकों तस्वीरें मीडिया में आम हैं परन्तु प्रवासी मजदूरों पर यूपी के बरेली में कीटनााशक दवा का छिड़काव करके उन्हें दण्डित करना क्रूरता व अमानीवयता है जिसकी जितनी भी निन्दा की जाए कम है। सरकार तुरंत ध्यान दे। बेहतर होता कि केन्द्र सरकार राज्यों का बाॅर्डर सील करके हजारों प्रवासी मजदूरों के परिवारों को बेआसरा व बेसहारा भूखा-प्यासा छोड़ देने के बजाय दो-चार विशेष ट्रेनें चलाकर इन्हें इनके घर तक जाने की मजबूरी को थोड़ा आसान कर देती।