उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन में बिजली कर्मचारियों के PF घोटाले के मास्टरमाइंट को आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने शुक्रवार को दबोच लिया। गिरफ्तार मास्टरमाइंड ललित गोयल दिल्ली की ब्रोकरेज कंपनी एसएमसी का चार्टर्ड अकाउंटेंट है। जांच एजेंसी का दावा है कि PF का 2600 करोड. रुपए का निवेश डिफाल्टर कंपनी डीएचएफएल में कराने में ललित गोयल ही मुख्य सूत्रधार रहा है। ललित की गिरफ्तारी के साथ PF घोटाले में अब तक 17 लोगों की गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। इसमें यूपीपीसीएल के पूर्व एमडी एपी मिश्रा, वित्त निदेशक सुधांशु द्विवेदी और ट्रस्ट के सचिव पीके गुप्ता, चार चार्टर्ड एकाउंटेंट और कई फर्मों के मालिक पर गाज गिर चुकी है। घोटाले का पर्दाफाश करने में जुटी ईओडब्ल्यू की टीम ने ललित को दिल्ली से गिरफ्तार किया है।
आरोप है कि एसएमसी ने ही पंजाब नेशनल बैंक हाउसिंग और दीवान हाउसिंग फाइनेंस लि. (डीएचएफएल) में निवेश के लिए ब्रोकरेज फर्म की भूमिका निभाई। ललित नहीं फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से इन दोनों कंपनियों में पीएफ का पैसा जमा कराया। जांच एजेंसी के अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही पूरे घोटाले का खुलासा किया जाएगा।