जम्मू-कश्मीर के कर्मचारियों लिए दिवाली से पहले एक खुशखबरी है। अनुच्छेद-370 को खत्म करने के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के सरकारी कर्मचारियों से जो वादा किया था उसे दिवाली से पहले पूरा कर कर्मचारियों को दिवाली का तोहफा दिया है। सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सरकारी कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग के सभी भत्तों के भुगतान के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह आदेश 31 अक्टूबर, 2019 से अस्तित्व में आएगा। अगले महीने नवम्बर से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सरकारी मुलाजिमों को केंद्रीय कर्मचारियों जैसा वेतन भत्ता लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।
इससे पहले भी मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (dearness allowance) में पांच फीसद के इजाफे की घोषणा की थी। सरकार ने बढ़ती महंगाई से निपटने के लिए दोनों राज्यों के कर्मचारियों को यह तोहफा दिया है। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सरकार ने दिवाली से पहले कर्मचारियों को जो गिफ्ट दिया है उससे पूर्व सरकारी कर्मचारियों को भी फायदा होगा।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी इस आदेश से जम्मू-कश्मीर में कार्यरत 4.5 लाख सरकारी को फायदा होगा। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत सभी भत्तों जैसे चिल्ड्रेन एजुकेशन अलाउंस, हॉस्टल अलाउंस, ट्रांसपोर्ट अलाउंस, लीव ट्रेवल कंसेशन (LTC), फिक्सड मेडिकल अलाउंस आदि पर अनुमान है कि सालाना खर्च लगभग 4800 करोड़ रुपये आएगा।