बिहार विधानसभा चुनाव 2020 (Bihar Election 2020) की तैयारी में जुटी एनडीए (NDA) में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। NDA में शामिल रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) और नीतीश कुमार की जनता दल (युनाइटेड) JDU के बीच रिश्ते तल्ख नज़र आ रहे हैं। हाल के समय में दोनों पार्टियों के नेताओं ने एक दूसरे के खिलाफ खूब बयानबाजी की है।
LJP ने यहां तक कह दिया है कि वह BJP की सहयोगी है और JDU की नहीं। वहीं जदयू (JDU) भी लोजपा (LJP) के बिना ही बिहार विधानसभा चुनाव में उतरने की हिमायत कर रही है। दोनों पार्टियों के रिश्तों में आई खटास को इसी बात से समझा जा सकता है कि NDA की एकता को ‘चट्टानी’ करार देने के लिए लोजपा ने अपने एक पदाधिकारी को पद से हटा दिया।
लोजपा नेताओं का आरोप है कि CM नीतीश कुमार सहयोगी पार्टी होने के बावजूद लोजपा को सम्मान नहीं देते हैं। LJP नेताओं का कहना है कि बिहार के CM उनके नेता चिराग पासवान के फोन कॉल्स का जवाब तक नहीं देते हैं और न ही उन्हें पलटकर फोन करते हैं। यही वजह है कि चिराग पासवान पिछले कुछ समय से नीतीश सरकार के खिलाफ काफी मुखर रहे हैं।
चिराग ने नीतीश सरकार की आलोचना करते हुए बीते दिनों अपने एक बयान में कहा था कि नीतीश सरकार राज्य के 1 करोड़ 45 लाख BPL लाभार्थियों को राशन कार्ड देने में असफल रही है। प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर भी चिराग, नीतीश सरकार की आलोचना कर चुके हैं।
गौरतलब है कि चिराग पासवान ने बीते दिनों अपनी पार्टी के पदाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा बात की थी। इस दौरान चिराग पासवान ने पार्टी नेताओं को किसी भी परिस्थिति में चुनाव लड़ने को तैयार रहने को कहा था। पासवान ने ये भी कहा कि उनकी पार्टी केन्द्र में NDA की सहयोगी है, बिहार में नहीं।
सियासी गलियारों में चल रही अटकलों की मानें तो LJP ने इस साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे के तहत 41 सीटों की मांग की है। इतना ही नहीं राज्यपाल द्वारा मनोनीत होने वाली 12 MLC सीटों पर भी LJP ने 5-5-2 का फार्मूला के तहत दो सीटों पर अपना दावा ठोका है। वहीं 5-5 सीटें BJP और JDU को मिल सकती हैं। पिछले दिनों BJP के राज्यसभा सांसद और बिहार के प्रभारी भूपेंद्र यादव ने चिराग पासवान से उनके दिल्ली स्थित आवास पर मुलाकात कर उनकी नाराजगी दूर करने की कोशिश भी की थी।