म्यांमार की नोबेल पुरस्कार से सम्मानित और लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सूकी ने संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत में रोहिंग्या मुसलमानों पर अपना पक्ष रखा। आपको बता दें आंग सान सूकी ने बताया कि रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ उनके देश के सैन्य अभियान के पीछे नरसंहार की कोई मंशा नहीं है और ना ही इसके कोई सबूत मिले हैं। हालांकि इस बात से इनकीर भी नहीं किया जा सकता कि सेना ने अत्यधिक बल प्रयोग किया। इसके साथ ही उन्होंने जोर दिया कि ‘निश्चित रूप से इन परिस्थितियों में नरसंहार की मंशा एकमात्र अवधारणा नहीं हो’’ सकती है।
आंग सान सूकी ने राष्ट्र की शीर्ष अदालत में रोहिंग्या मुसलमानों के अलावा अफ्रीकी देश गांबिया के लगाए गए मामले पर भी अपना पक्ष रखा और कहा कि, ‘ये खेदजनक है कि गांबिया ने अदालत के सामने रखाइन प्रांत में हालात के बारे में भ्रामक और अधूरी तस्वीर पेश की है।’