12 जुलाई 2019 को रिलीज हुई फिल्म सुपर-30 के डायरेक्टर आनंद कुमार को मंगलवार को कोर्ट ने तलब किया था। जिसके बाद गुवाहाटी हाई कोर्ट ने आनंद कुमार पर 50 हजार रुपये का जुर्माना ठोक दिया है। इसके अलावा गुवाहाटी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अजय लांबा और जस्टिस एएम बुजरबरुआ की बेंच ने आनंद कुमार को 28 नवंबर को कोर्ट में कदम रखने को कहा है।
आईआईटी के चार छात्रों की जनहित याचिका दायर करने के बाद हाईकोर्ट ने 26 नवंबर को आनंद कुमार को याद कर लिया था। लेकिन वो कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कोर्ट में उपस्थित न होने का कारण भी बताया था कि वो मंगलवार को कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सकते, क्योंकि वो विदेश में हैं।
कोर्ट में उपस्थित होने से विफल रहे आनंद कुमार को कोर्ट ने आदेश दिया कि मंगलवार को कोर्ट में पेश होने वाले पटना के चार छात्रों और उनके अभिभावकों को 50 हजार रुपये का मुआवजा दें।
वकील अमित गोयल ने बताया कि कोर्ट ने आनंद कुमार को व्यक्तिगत तौर पर 28 नवंबर को हाजिर होने का फिर से आदेश दिया है। इस मामले में याचिकाकर्ताओं की तरफ से सीनियर एडवोकेट अशोक सराफ भी हाई कोर्ट में पेश हुए। मंगलवार को हाई कोर्ट में सीनियर एडवोकेट निलय दत्त ने आनंद कुमार और के. एन. चौधरी ने बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद की पैरवी की। अभयानंद सुपर-30 के सह संस्थापक हैं।
आईआईटी गुवाहाटी के छात्र अविनाश बारो, बिकाश दास, मनजीत डोले और धनीराम ताऊ ने सितंबर 2018 में गुवाहाटी हाई कोर्ट में पीएलआई दाखिल की थी। उन्होंने आनंद कुमार पर फ्रॉड करने का आरोप लगाया था।
इन छात्रों का यह भी आरोप है कि 2018 के आईआईटी प्रवेश परीक्षा में आनंद कुमार ने दावा किया था कि सुपर-30 के 30 में से 26 छात्रों ने आईआईटी प्रवेश परीक्षा पास की है। लेकिन अब तक इन छात्रों के नाम का खुलासा नहीं किया गया है। छात्रों का आरोप है कि आनंद कुमार ने सुपर-30 के रिजल्ट में भी खेल किया।
छात्रों ने अपनी याचिका में कहा कि आनंद कुमार ने असम समेत कई राज्यों के गरीब छात्रों को फ्री आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी के नाम पर रामानुजम स्कूल ऑफ मैथेमेटिक्स में नामांकन लेते हैं। उनसे 33 हजार रुपये फीस भी ली जाती है।